आरएएस से आईएएस बनने वाले अफसरों को खुशखबरी का इंतजार

जयपुर । राजस्थान कैडर के सबसे बड़े पद आरएएस अधिकारियों को आईएएस बनने के लिए खुबर का इंतजार ब्रेसबी से है ज्ञात हो कि पिछले दिनों दिल्ली सरकार ने कैचप नियम का आदेश जारी आरएएस से आईएएस बनने वाले अधिकारियों की खुशी को आरक्षित वर्ग के अधिकारियों के वंचित रहने के कारण कमजोर कर दिया था।
पदोन्नति में आरक्षण का मामला उस समय गर्मागया जब आचार संहिता से ऐन पहले वसुंधरा राज्य सरकार ने 5 अक्टूबर 2018 को केचअप नियम लागू करने का आदेश जारी किया केचअप नियम लागू होने से कोई भी सामान्य वर्ग के कर्मचारी का अगर आरक्षित वर्ग के कर्मचारी के दस साल बाद भी प्रमोशन होता है, तो वह आरक्षित वर्ग कर्मचारी से वरिष्ठ कहलायेगा इस आदेश को पहले एम नागराजन की रिपोर्ट के बाद रद्द कर दिया गया था, लेकिन 5 अक्टूबर 2018 को कार्मिक विभाग ने आदेश जारी कर इस नियम को फिर से लागू कर दिया. इस नियम की पालना करने पर इस वर्ष के लिए रिक्त आरएएस से आईएएस पदोन्नति की सीटों पर सीधा प्रभाव पड़ रहा था अगर नियम लागू हुआ तो आरक्षित वर्ग के कुछ अधिकारी चयन से बाहर हो सकते थे। अब कार्मिक विभाग ने इस नियम को बिना रद्द किए पुराने नियम के आधार पर 11 रिक्त पदों के लिए चयन समिति के सामने प्रस्ताव भेजा जिस पर विचार के लिए 27 मई को यूपीएससी, दिल्ली में चयन समिति की बैठक तय की गई है इसमें 1989 बैच से चित्रा गुप्ता, अंतर सिंह नेहरा, घनेन्द्र भान चतुर्वेदी के नाम हैं. 1991 बैच में परमेश्वर लाल, महावीर प्रसाद वर्मा, विश्राम मीणा, कन्हैया लाल स्वामी, महेंद्र कुमार पारख, हृदयेश शर्मा, लक्ष्मण कुड़ी, डीपी गुप्ता, नलिनी कठोलिया भी शामिल हैं. 1992 बैच में ओ पी बुनकर का नाम है। यदि केचअप नियम लागू हुआ तो एमपी वर्मा सहित 3 अफसर प्रभावित हो सकते हैं, लेकिन बिना केचअप नियम लागू करने से एम.पी.वर्मा सहित तीन अफसरों के नाम सिफारिश में शामिल होंगे. इसके बाद राज्य सरकार और कार्मिक विभाग पूरी प्रक्रिया सही तरीके से होने के लिए प्रयासरत है. हालांकि केचअप नियम को लागू करने की पैरवी करने वाले इस प्रक्रिया को गलत बताते हुए चुनौती दे सकते हैं, जिसके चलते प्रक्रिया पूरी होने में समय भी लग सकता है।
अशोक शर्मा/ 5 बजे/ 19 मई , 2019