क्या था रिश्ता उससे मेरा
मुझे मालूम नहीं
दिल कहता हैं वो तेरी मोहब्बत हैं
दिमाग कहता हैं
वो किसी और की अमानत हैं
साँसे कहती हैं वो तेरी जिंदगी हैं
पर छलकते आंसू कहते हैं
तेरा सब कुछ उसका हैं
पर वो तेरा नही
क्या था रिश्ता उससे मेरा
मुझे मालूम नहीं
यादें कहती हैं
वो तेरे जीने का सहारा हैं
तन्हाई कहती हैं वो तेरा अपनापन हैं
दर्द कहता हैं वो तेरी खुशी है
पर हाथो की लकीरे कहती हैं
वो तेरा होकर भी वो कभी तेरा नहीं
क्या था रिश्ता उससे मेरा
मुझे मालूम नहीं
अँधेरा कहता हैं
वो तेरी हर रात की सुबह हैं
खवाब कहता हैं वो
सब तेरे हसींन पल हैं
शायद वो तेरा दीवानापन हैं
पर कदमों की आहट
कहती है वो तेरी राह हैं
लेकिन तेरा मुकाम नही
क्या था रिश्ता उससे
मेरा मुझे मालूम नहीं
वक्त कहता हैं वो तेरी
अधूरी कहानी हैं
लम्हें कहते हैं वो
तेरे लिए एक पहेली हैं
जुबां कहती हैं
वो सिर्फ तेरी चाहत हैं
पर खुदा कहता हैं वो इबादत हैं तेरी
पर वो तेरा नही
क्या था रिश्ता उससे मेरामुझे मालूम नहीं
●प्रतिमा पंकज तोदी
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