विद्रोही बाबा का प्रवचन
पटवारी लाल प्रातः बेला में ही मुखिया जी के दरवाजे पर पहुंच गयाlमुखिया जीआश्चर्यचकित होकर पूछे -@पटवारी सुबह-सुबह दर्शन दिया है बात क्या है?”
“बात गंभीर है,मुखिया जी तभी तोआया हूं”।बात यह है किअपने चौपाल का एक सदस्य बेफेरल(लफंगा)निकल गया हैlतथा चौपाल का नाक कटा रहा है?”
“ठीक है!ठीक है!!”
पहले दही चुरा खाकर टंच हो
जाओ तब जो सुनाना है वो सुनाना”।
अपने चौपाल का पटवारी है ना वहअपनाभेष बदल लिया है। माथा मुंडा लिया हैlदेह पर गेरुआ वस्त्र धारण कर लिया हैlजूता- चप्पल त्याग कर खंडाऊ पर चल रहा है।हाथ में खंजड़ी ले लिया है और विद्रोही बाबा के संग-संग है गांव बाजार घूम रहा हैlवह प्रवचन देने में पहले से ही माहिर हैlअब उसका साथ विद्रोही बाबा का मिल गया हैlचौक-चौराहे पर खड़ा होकर जब वह खजड़ी बजाने लगता है तो भीड़ आपसे- आप जम जाती भी हैlनेताओं को भीड़ जुटाने के लिए कुछ नगद खर्च करना होता हैlलेकिन पटवरिया के साथ ऐसा है नहीं? खजड़ी की धुन सुनकर आपसे आप लोग जौरा जाते हैंlफिर चालू हो जाता है विद्रोही बाबा का प्रवचनlबड़ाकागांव के लोग विद्रोही बाबा का प्रवचन सुनते हैं। प्रवचन कम,विद्रोही बाबाआग उगलते हैंlएक दम जो कुछ कहते हैं दिल से कहते हैं साफ-साफ कहते हैंऔर सांच कहते हैं,इसलिए उनके प्रवचन लोग सुनने के लिए धकमपेल करने लगते हैं।
मुखिया जी विद्रोही बाबा कहते हैंअपना लोकतंत्र खतरे में हैlआपको ऐसा लगता है क्या मुखिया जी?अगर यह सच नहीं है तो विद्रोही बाबा आग क्यों उगलतेहैं?
पटवारी जो कुछ कहता है और विद्रोही बाबा के हां-में-हां मिलाता है तो सरकार की चाल-चरित्र को देखकर विद्रोही बाबा कह रहे हैंl बातों को उनके प्रवचन से दुख पहुंचता होगा लेकिन वे सच उगलते हैंlइसका पट्टी छल प्रपंच की राजनीतिक व्यवस्था में सच कहना बगावत है,और सच कहने वालों को जेल में ठूंस दिया जाता हैlबाबा के संगे-संगे पटवरियों जेल जाने के लिए कमर कस कर मैदान में उतर गया हैl तथा सच का मार्ग पकड़ लिया हैlहमें यह जानकर खुशी है की चौपाल के आदर्श को पटवारी भेष बदलकर सार्थक कर रहा हैl घोंचू हम तो कहेंगे तुम भी सर मुड़ाकर पटवरिया गैंग में शामिल हो जाओlदेश को संकट से उबारना है तो भेष बदल कर भी लोगों के
बीच जाना होगा।नहीं तो वोट के लुटेरे जनता की वोट-बटोर कर लोकतंत्र को सत्यानाश की गर्त में ढकेल देंगे?लोकतंत्र को लोकतंत्र के रक्षक लोगों ने भक्षण कर धन बटोर लोकतंत्र बना कर रख दिया हैl
ऐसे में भेष बदलकर सच तो उगलवाना ही चाहिए?
……….अरविंद विद्रोही
बिरसा नगर,रोड 2 जॉन 2 जमशेदपुर–831019
M–8789718130