तुम रूह का सुक़ून हो….

रूह का सुक़ून

दिल का ज़ुनून बनाया है तुझे

तेरी ज़ुस्तज़ु से दिल लगा है

धड़कनो ने ये बताया है मुझे

तुम हक़ीक़त से पर्दा करती रहो

चिलमन से सच नज़र आता है मुझे

तुम दर्द कितना भी दो मुझे

दर्द में भी दवा बनाया है तुझे

लाख दबा के रखो एहसास अपने

तेरे आँसुओ में घर नज़र आता है मुझे

लब कितने भी सिल के रखो तुम

अल्फाज़ो में सब सुनाई आता है मुझे

पिछले जन्म का नाता है मेरा तुझ से

दिल से ये आवाज़ आती है मुझे

सारी तमन्नायें मुझ पे आके ख़त्म होती है

तेरी मुस्कुराहट में ये दिखाई देता है मुझे

आरिफ़ असास

दिल्ली 8448738790