मुझे बोलने का तरीका बदलना पड़ा

शो ‘तेरे बिना जिया जाए ना‘ क्रिशा चतुर्वेदी नाम की एक लड़की की ऐसी ही एक कहानी है, जिसने हमेशा एक राजकुमार के सपने देखे और फिर अचानक कायनात उसके सपने को सच कर देती है! क्रिशा, जिसका रोल अंजलि तत्रारी निभा रही हैं, अंजलि ने बताया कि ‘तेरे बिना जिया जाए ना‘ के लिए किस तरह उन्हें अपने बोलने का तरीका बदलना पड़ा, लेकिन यह सब वाकई कारगर रहा।‘‘मेरा किरदार क्रिशा उदयपुर की एक सीधी-सादी लड़की है, जो अपने सपनों के राजकुमार, प्रिंस देवराज के साथ एक नई जिंदगी शुरू करने का सपना लिए एक भव्य राजमहल में आती है। प्रिंस देवराज अंबिकापुर के शाही परिवार के वर्तमान वारिस हैं। देवराज का परिवार अब भी रजवाड़ों की शान में रहता है और बड़ी शिद्दत से परंपराओं को मानता है। उनके परिवार में ढलने के लिए क्रिशा को अपने बोलचाल के तरीके और रीति-रिवाजों के पालन जैसी बहुत-सी बातों का ख्याल रखना पड़ता है। ऐसे मुझे बहुत-सी छोटी-छोटी चीजों में सुधार करने की जरूरत थी। पहले तो मैं उदयपुर की एक लड़की का रोल निभा रही हूं, इसलिए मुझे थोड़ी मेवाड़ी और कुछ राजस्थानी शब्द सीखने पड़े, जिन्हें वो अपनी रोज की जिंदगी में इस्तेमाल करते हैं।