दिल की दुनिया है व्याकुल बड़ी
हादसों की लगी है झड़ी
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बेटे सुनते नहीं माँ की अब
सबको अपनी ही अपनी पड़ी
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तू न आया मुझे पर तेरी
याद आती रही हर घड़ी
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रात काली है इसके मगर
पीछे उजली सुबह है पड़ी
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देश की हर ख़ुशी के लिए
लड़ रही “अर्चना” हर घड़ी
अर्चना सिंह
ग्रेटर नॉएडा