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आजादी वो है, जहाँ
देश की हरेक जनता,
वतन के मान बढ़ाने वाले हो।
आजादी वो है, जहाँ
बस देश हित की बातें हो,
न किसी मुँह में ताले हो।
आजादी वो है, जहाँ
न मजदूरों के हाथ में फोड़े हो,
और न पैरों में छाले हो।
आजादी वो है, जहाँ
उस अंतिम कुटिया में भी,
फ़क़त उजाले ही उजाले हो।
आजादी वो है, जहाँ
हर गरीब की थाली में,
जी हाँ पर्याप्त निवाले हो।
आजादी वो है, जहाँ
कर्तव्यबोध हो हर जन में,
सबके हित के रखवाले हो।
आजादी वो है, जहाँ
हर नागरिक संतुष्ट रहे,
न पथराव न हड़तालें हो।
आजादी वो है……
:-जीवन चन्द्राकर”लाल”
बोरसी(52),दुर्ग,(छत्तीसगढ़)