वो मेरे पास नही,ना ही वो मेरी बाँहो में है।
चेहरा उसका,मेरी यादों की पनाहों में है।।
जारी है तलाश उसकी, कोई आहों में है।
मेरी आरजू वही,दीद उसका निगाहों में है।।
मिलकर ना मिले,चाहत में राहत है कहाँ।
वफा से खफा नजर, मुङी अन्य राहों में है।।
उसकी घट रही चाहत,बदल रहे है अंदाज।
मै समझ रही हूँ, क्या उसके इशारों में है।।
रिश्ते को लगाकर दाँव,ढूँढा जा रहा है ठाँव।
बह रहा किस बहाव में,कौनसी फिराको में है
लफ्जों हो रही कंजूसी,फैल रही है मायूसी।
दीदार से निभाने की,मेरी वफा मिसालों में है।
पल-पल जो मेरे ख्वाबों में, करता चहल पहल
टहलकर आयेगा”सीमा”अपने नेक इरादो में है।
सीमा लोहिया
झुंझुनू(राजस्थान)