संजीव-नी|

हौसला मेरा बढ़ाओ जरा,

हौसला मेरा बढ़ाओ जरा,

तुम मेरे साथ आओ जरा|

दुश्मनों से तो मार खाए नहीं,

दोस्तों को भी आजमाओ  जरा|

मार डालेगी वरना जहनी शिकन,

होश में हूं, और थोड़ा पिलाओ जरा|

कौन अपना है कुछ पता तो चले,

शम्मा कुछ देर बुझाओ तो जरा|

 दिल में महसूस धड़कने होंगी,

हाथ संजीव से मिलाओ तो जरा|

 हम तो तैयार ही बैठे हैं,

 हो सके यारों, गले लगाओ जरा|

 आस्तीन में छुपा के रखते हो,

 दोस्तों मौका है, चलाओ तो जरा| 

संजीव ठाकुर,रायपुर,छ.ग.

9009415415,