खिला गुलाब का पुष्प
संदेश प्रेम का देता है
बरबस ही आकर्षित
वो अपनी ओर करता है
अपनी खुशबू से
चमन सदा महकाता है
बगिया में मुस्कान बिखेरता
प्रभु चरणों की राह ताकता
कभी वीरों की श्रद्धांजलि बनता
जहां भी जाता गुलाब
जीवन की सीख सीखाता
जीवन संघर्षों का मेला है
संघर्षों में जो मुस्काए
अपनी सुगंध से चमन महकाए
जग उसको सिर माथे लगाए
प्रभु चरणों में अर्पित वो होता
गुलाब प्रेम का प्रतीक
दिल में एहसास जगाए
अनुराधा प्रियदर्शिनी
प्रयागराज उत्तर प्रदेश