*परमात्म अवतरण*

शायद तभी आती हैअवनि पे आत्मा 

परमधाम से जब भेजी जाती है आत्मा

लेती स्वरूप धारण करती है शरीर

 दिखने में अति प्रिय लगती है आत्मा

 शिवशक्ति ने रचा  शिव का यह संसार 

पृथ्वी के उद्धार को आती है आत्मा

 त्रेता युग संदेश यह द्वापुर का है द्वार

कृष्ण का स्वरूप बन आती है आत्मा

तमोगुणों से पूर जब होता है संसार

उस तम को मिटाने आती है आत्मा

पाप पुण्य के भेद को ना जाने संसार

 उस भेद को मिटाने आती है आत्मा 

कलयुग की करनी में जब डूब चुका संसार

 उस करनी से पार उतारने आती है आत्मा

अत्याचार सहा बहुत अब न सहेगी नार

उस अहिल्या के उद्धार को आती है आत्मा

कितनीं बहकावे में लुटा गईं हैं प्यार

उस प्यार के उद्धार को आती है आत्मा

माया के बंधन में जकड़ गए जो यार

उस बंधन से मुक्त कराने आती है आत्मा

रो रो कर जो कर रहा अपनी उससे गुहार

उसकी सुनने के लिए आती है आत्मा

आत्मा का आत्मा से जब हो जाता है प्यार

अवनि पे अवतरित होता है  परमात्मा

बच्चूलाल दीक्षित

ग्वालियर  8349160755