जीवन

जिन्दगी वो किताब है जो

हसीं लम्हों के बर्ग-ए-गुल

अपने में संजोए रखती है,

शोर करता है मन बहुत

जब जिन्दगी की चाहतों में

ख्वाहिशें खामोश हो जाती हैं,

रंग भरना है ज़िन्दगी में अब

मिली है ये बस एक बार

जी भर के इसे जीना है,

सीखना है यहाँ उम्र भर

रुक जाना दस्तूर नहीं ! 

दुआ जीवन का वो चिराग है

जो अन्धकारमय रास्तों में

मंजिलों को रोशन करती है,

दुआओं से रखना सजाकर

जीवन में रिश्तों को अपने 

रेशम सा होता है मिजाज़ इनका,

हाथ बढ़ा कर रखना हरपल 

वफा से वफाई निभाना

पथ यही है जीवन का सच्चा,

सीखना है यहाँ उम्र भर

रुक जाना दस्तूर नहीं ! 

मुनीष भाटिया

178 सेक्टर 2

कुरुक्षेत्र हरियाणा

7027120349