नहीं थमेगे क़दम।

नहीं थमेगे क़दम।

दुःख में है राष्ट्र,

दर्द सहन कर रहा है राष्ट्र,

राष्ट्रीय क्षति अपूरणीय हुई है,

धीर वीर अर्जुन नहीं रहें,

फिर भी

बढ़ते रहेंगे  क़दम,

नहीं थमेगे  क़दम.!

वीरों की धरती है,

सम्पूर्ण सरस्वती है,

उत्तम संस्कृति है,

संजीवनी है साहसिक कदम,

उत्कृष्ट विचार है सर्वोत्तम,

संग्राम में कूद पड़ेगें हम,

सैन्य प्रमुख कर्ताधर्ता का धर्म,

फिर भी,

बढ़ते रहेंगे  क़दम,

नहीं थमेगे  क़दम..!!

देश के पवित्र जल के अवतार,

अद्भुत सम्बल,

बलशाली हाथ,

मजबूत विश्वास के प्रतीक,

दृढ़ता के नायक,

राष्ट्र विचारक ,

राष्ट्रीय वीर,

क्रुर मौत के शिकार,

नायक सी शान,

देश के अभिमान,

प्रचंड था चमत्कार,

शत्रुओं को डर था अपार।

फिर भी ,

बढ़ते रहेंगे  क़दम,

नहीं थमेगे  क़दम…!!!

डॉ ०अशोक, पटना,बिहार।