पल

वैभवी जिंदगी उसे हमेशा आकर्षित करती थी। एसी वाली कोठी, गाड़ियां, नौकरचाकर, विदेश की ट्रिप, माल में शापिंग, ब्रांड्स की खरीदारी, यही सब उसकी जिंदगी का सपना था। अपना यह सपना पूरा करने के लिए वह कोई भी कीमत चुकाने को तैयार थी। इसीलिए शादीशुदा होने के बावजूद व्यवसायी मेहताजी के साथ के अपने संबंधों को उसने आगे बढ़ाया था। उसने उन्हें पत्नी को तलाक दे कर अपने साथ विवाह के लिए राजी कर लिया था और फिर श्रीमती मेहता बन गई थी। उसी एक पर में उसका पूरा जीवन किस तरह बदल गया था। वैभवशाली जीवन का उसका सपना एक पल में ही पूरा हो गया था।

आज उसके सामने भी वैसा ही एक पल आ खड़ा हुआ था। एक ही पल में उसकी पूरी जिंदगी फिर किस तरह बदल गई थी। जब उसी की तरह वैभवशाली जीवन का स्वप्न पालने वाली एक युवती श्रीमती मेहता बनने को तैयार थी और उस युवती के कहने पर मेहताजी ने उसे तलाक दे दिया था।

वीरेंद्र बहादुर सिंह 

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