कितनों ने सताया है

ज़िन्दगी है तो कई

उतार चढ़ाव आयेंगे !

कभी गिरेंगे तो कभी

किसी को सम्हालेंगे !!

यह लम्हा बड़ा ही

दिलचस्प और सुनहरा है !

कभी प्यारा है तो कभी

कितनो ने सताया है !!

वजूद है तो लोग तुम्हें

हर किनारे से परखेंगे !

कभी बातें करेंगे तो कभी

तुमसे मीठा बातें करेंगे  !!

गुस्से की नज़र खूब हैवाना

हो सके तो बच के रहना !

ज़िन्दगी के हंसी ख़ुशी प्रेम

संग न आता इन्हें रहना !!

हवाओं संग कितने धूल आयेंगे

कितने धूल में समायेंगे !

अपना एक तस्वीर बनाते चलो

लोग पीछे पीछे आयेंगे !!

भूखे है लोग भूख इनके ही

बुराईयों से मिटाते चलो !

पीछे पीछे कोई ओर न सही

तुम तो आगे चलो !!

पोखर नदियों को पीछे छोड़

आगे तुम बढ़ते रहना !

कितने कहेंगे कितने झुकेंगे

समुन्दर तुम सँवारते रहना !!

                ~सौरभ कुमार