सांसो में शामिल हूं…

तुम ख्वाहिशों की बातें मत करो,

तेरे पल पल के सांसो में शामिल हूं ।

यकीं ना हो तो धड़कनों से पूछ लो,

तेरे रग रग के नसों में शामिल हूं ।

कई दोस्त मिले होंगे सफर में,

हमसफर हूं खासों में शामिल हूं ।

बेशक मेरे नाम से धड़कता ना होगा दिल,

इश्क़ ना हो मुझसे पर सांसों में शामिल हूं ।

दोनों हाथ उठा दो दुआओं के तुम,

तेरी रहमत तेरे ख्वाहिशों में शामिल हूं ।

न जाने किस मोड़ पर मुलाकात हुई,

मुकद्दर ए जिंदगी अनायासों में शामिल हूं ।

मेरे मुकद्दर के राजदार हो तुम,

शुक्र गुज़ार के एहसासों में शामिल हूं ।

 लगा दे पंख परवानों के !

सजा दे मंच अरमानों के !!

फिलहाल जिंदा हूं ,

शर्मिंदा हूं जिंदा लाशों में शामिल हूं ।

मनोज शाह ‘मानस’ 

सुदर्शन पार्क, नई दिल्ली