आँखे

है पास दिल के यूँ ख़ास आँखे

यूँ  रहती  है आस-पास आँखे

छुपा लिया उसने दर्द अपना

थी सुर्ख़ उसकी बिंदास आँखे

छुपा हुआ कुछ नज़र न आया

था पहने वो भी लिबास आँखे

न पास आया वो दूर जा कर

बिछड़ के उससे इयास आँखे

न दूर जाना यूँ छोड़कर तुम

करेगी  ये  इल्तिमास आँखे

✍️#आकिब_जावेद

बाँदा,उत्तर प्रदेश