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शुभ घड़ी की आहट
मन मंदिर में मेरे है
अपने पिया संग संग
सपने सजने वाले हैं।
बंद मुट्ठी प्यार की
अब खुलने वाली है
खनक खनक चूड़ियां
पायल बजने वाली है ।
बाबुल की दुआएं भी
नये घर में मिलने वाली है
नया चांद नई चाहत का
छत पर टहलने वाला है।
इंतजार के दिनों का अब
टाटा टाटा होने वाला है
नई जिंदगी के साथ साथ
जीवन पुष्प खिलने वाला है।
-श्रुति माधव