कुछ तो

आया है नया साल देखो 

हृदय में है मलाल कुछ तो 

महंगाई है चरम सीमा पर 

बीता है सब खराब कुछ तो 

महामारी ऊधम मचाकर 

बीता है खराब कुछ तो 

रोजी रोटी ध्वस्त पड़ा है 

मन में प्रश्न हज़ार कुछ तो 

जुमलेबाज़  का बोल बाला 

बना है सरकार कुछ तो 

हानि बेईमानी देख जनता 

भ्रमित हुआ इस साल कुछ तो 

सरकारी नियमों से कहीं तो

सुधरा खस्ता हाल कुछ तो 

सपना देख रही है जनता 

सन्‌ बाईस हो कमाल कुछ तो 

रानी प्रियंका वल्लरी