आगाज़

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नव वर्ष की दस्तक

का अभी एहसास भी

नहीं हुआ था

की पहले ही दिन

पहली ही सुबह

माँ वैष्णो देवी की खबर ने

दहला दिया

माँ के दर्शन को पहुंचे श्रद्धालु

भीड़ की भेंट चढ़ गये

कई कुचले गये, कई घायल हुए, 

कई मारे गए

भय और उदासी का सन्नाटा 

छा गया न सिर्फ भवन में

बल्कि समूचे देश में

नव वर्ष की पहली सुबह

दर्दनाक हादसा वो भी

ऐसे दिल दुखा गया 

की क्या होता एहसास

नव वर्ष की बेला का

उस पर विस्फोटक तेज़ी से बढ़ते , 

डराते कोरोना और 

ओमिक्रोन के आंकड़े

कोई ऐसे में खुश हो कर

मनाए नया साल या 

करे खुशियों का एहसास भर भी…. 

वही दुःख के साये हैं

चिंता की लकीरें, बेबसी का

आलम…फिर कैसा नया साल है ये जिसका आगाज़ ही भयावह है।।

….मीनाक्षी सुकुमारन

        नोएडा