अपना भी वक्त आएगा

सपना मेरा मुझको अब नींद से जगाएगा 

चि॓तित मुझको यह बार-बार कर जाएगा 

हर पल मुझसे खूब मेहनत करवाएगा   

है मुझको यकीं अपना भी वक्त आएगा। 

रोज सुनता हूँ सबसे कि तुमसे न हो पाएगा 

उनकी बातें सुन दिल और आग सुलगाएगा 

कोई न करे यकीं पर ये बंदा कर के दिखाएगा

है मुझको यकीं अपना भी वक्त आएगा। 

सारे ख्वाबों को अब हकीकत में बदला जाएगा

हर जगह पर बस नाम मेरा लिखा जाएगा

किस्मत से जाकर आगे सब हासिल किया जाएगा

ठान लिया है अब ये बंदा जीतकर दिखाया 

है मुझको यकीं अपना वक्त आएगा 

– निकहत परवीन

बसन्तपुर बंगला, सारण