कर्म

तुच्छ जतन ना कीजिए ,होय जग में बदनाम।

सृष्टि आलोचक बन जाए,करो ना ऐसा काम।।

मत जाओ उस ठौर तुम,जहां बदले पहचान।

मौन रूप धारण कर  ,  भज केशवम्‌ नाम ।।

कर्म से नेह लगाइए  ,कर्तव्य है आठों धाम।

जग की माया छोड़िए, स्वधर्म का सुंदर याम।।

मिथ्या अनुसरण ना होवे ,त्याग कुढ़न अभिमान।

चल वल्लरी उस ओर,जहां प्रेम अमन सम्मान।।

रानी प्रियंका वल्लरी

बहादुरगढ़ हरियाणा