रोजगार काम चाहिए

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ग़लत बुरी परंपरा है पथ अंधियारे

जग को तोड़े सब अवसान चाहिए।

जगत मनुष्य को पशु से बदतर भी

शूल चुभे दिल में एक बहार चाहिए।

शिक्षा दीक्षा विधि ज्ञान और लाभों

अधिकार व प्रेम भरा संसार चाहिए।

कुछ बुरी जड़ बीमारी जग में फैली

जरुरी एक अभिधान होना चाहिए।

आज भरे बाज़ारों के कारोबारों का

जड़ मत बातों का समाधान चाहिए।

बेशक सबको रोजगार काम चाहिए।

खोखला कर रही घरदीवारें अहर्निश

गेहूं के घुन जैसे समाज को खाती है ।

दीपक तले भरा रहा अंधेरा अराजक

दहेज प्रथा कितने घर रोज मिटाती है।

आज भरे बाज़ारों के कारोबारों का

जड़ मत बातों का समाधान चाहिए।

कुछ बुरी जड़त बीमारी जग में फैली

जरुरी बेशक अभिधान होना चाहिए।

बेशक सबको रोजगार काम चाहिए।

जीवन मृत जाने पर कर्मकांड सज़ा ने

मृत्यु भोग नेक गरीबों को हित मारी है।

श्रम स्वेदों के बूंदों से जोड़ी लेपाई पाई,

दिखा मोक्ष स्वर्ग कपट से लूट जारी हैं।

आज भरे बाज़ारों के कारोबारी कला

जड़ मत बातों एक अवसान चाहिए।।

 कुछ बुरी जड़ बीमारी जग में फैली है

जरुरी बेशक अभिधान होना चाहिए।

बेशक सबको रोजगार काम चाहिए।

जीवित भूखा नंगा रहा सदा वह फिर

स्वर्गीक मोक्ष आलोक से भोग करेगा।

जग सुंदर कृतियां प्रकाश हीन जगेन्द्र

शठ पराभूत प्राणी राज़ भोग्य करेगा।

बुरी परंपरा फैली जो एक कपटकला

निदान उपचार और अवसान चाहिए।

कुछ बुरी जड़ बीमारी जग में फैली है

जरुरी बेशक अभिधान होना चाहिए।

बेशक सबको रोजगार काम चाहिए।

स्वर्गीय छलो से रोटी सेक रहे हैं नित्य

रोज दिखाते हैं सपने लेके देते दीक्षा।

मांग लिए निज आते हित लाते भिक्षा 

आडम्बर मृत्युभोजों का करों समीक्षा।

बुरी कुरीति नीति परंपरा बनत हजार

छल बल धोखेबाजों कारोबारी व्यापार

जड़हीन बातों से एक समाधान चाहिए।

कुछ बुरी जड़ बीमारी जग में फैली है

जरुरी बेशक अभिधान होना चाहिए।

बेशक सबको रोजगार काम चाहिए।

सबका जीवन सुखमय हो दुनिया में

कुत्सित भाव बीमारी ऊंच-नीच की

छल कपट से दूरी एक प्रेम कहानी

जग दुख पीड़ा एक अवसान चाहिए।

जग जीवन में बसे ले प्रेम और इमान

कली खिले प्रेम से एक संसार चाहिए।

बेशक सबको  रोजगार काम चाहिए।

       के एल महोबिया

         प्रवक्ता हिंदी 

  अमरकंटक अनूपपुर मध्य प्रदेश