एक बार जो बिछड़े
वो फ़िर उम्र भर नहीँ मिलते
वक़्त की आंधियों में उजड़े
वो फ़िर क़भी घर नहीँ मिलते..!
नसीबों में लिखा हो
तो मिलता है साथ उम्र भर का
किसी के ढूंढे फ़िर
कभी रहगुज़र नहीँ मिलते..!
ज़िंदगी की धूप-छाँव में
हर पल जो साथ रहें
कितना भी ढूंढें हम
राहों में ऐसे अब शज़र नहीँ मिलते..!
जी लो जम कर
हर लम्हा ज़िंदगी का
क्यूंकि
गुज़र जाने वाले पल
फ़िर मुड़ कर नहीँ मिलते.!
अंजू जांगिड़”राधे”
सोजत रोड़ (राजस्थान