हां,हूं भारत वीर मैं

————————-

नभ मैं, हूं धरा मैं

हिम मैं, हूं सूर्य मैं

आग मैं, हूं नीर मैं

हां, हूं भारत वीर मैं

सिंधु मैं, हूं ताल मैं

आदि मैं, हूं अन्त मैं

खीर मैं, हूं चीर मैं

हां, हूं भारत वीर मैं

कण मैं, हूं ब्रह्मांड मैं

ज्ञान मैं, हूं विज्ञान मैं

भाल मैं, हूं तीर मैं

हां, हूं भारत वीर मैं

अस्त्र मैं, हूं शस्त्र मैं

ज्ञात मैं, हूं अज्ञात मैं

वैद्य मैं, हूं पीर मैं

हां, हूं भारत वीर मैं

शीत मैं, हूं ग्रीष्म मैं

बसंत मैं, हूं बरसात मैं

वाचाल मैं, हूं गंभीर मैं

हां, हूं भारत वीर मैं

तम मैं, हूं प्रकाश मैं

दिन मैं, हूं रात मैं

अधीर मैं, हूं धीर मैं

हां, हूं भारत वीर मैं

प्रेम मैं, हूं क्रोध मैं

राग मैं, हूं द्वेष मैं

रांझा मैं, हूं हीर मैं

हां, हूं भारत वीर मैं

अल्प मैं, हूं विकराल मैं

कठोर मैं, हूं नरम मैं

मृत्यु मैं, हूं सागरक्षीर मैं

हां, हूं भारत वीर मैं

हिन्द मैं, हूं हिन्दुस्तान मैं

राष्ट्रीय गीत मैं, हूं गान मैं

आजादी मैं, हूं जंजीर मैं

हां, हूं भारत वीर मैं

गीत मैं, हूं संगीत मैं

वार मैं, हूं प्रहार मैं

बिंदु मैं, हूं लकीर मैं

हां, हूं भारत वीर मैं

आन मैं, हूं शान मैं

मान मैं, हूं सम्मान मैं

राजा मै, हूं वजीर मैं

हां, हूं भारत वीर मैं

 नितिन राघव

सलगवां  बुलंदशहर

उत्तर प्रदेश