राष्ट्र भक्ति की परिभाषा साहब मैं कैसे बतला सकता हूँ।
मैं तो बस अदना सा आदमी परिभाषित कैसे कर सकता हूँ।।
अगर जानना राष्ट्रभक्ति तो पूछो उन माता से आप।
जिनके बच्चे हिम शिखर पर डटे खड़े हैं सीना ताने आप।।
उस पत्नी से जाकर पूछो जिनके पति हुए शहीद।
दिल पर उनके क्या है गुजरी देखकर तिरेंगे में लिपटे शरीर।।
जाकर पूछो उस किसान से जो तपा रहे अपने को आप।
जठराग्नि की ज्वाला में जल रहे बच्चो के साथ ।।
राष्ट्र भक्ति जानना हो तो कभी पूछना सड़क किनारे सोए बच्चे से आप।
क्या उसने आज भी दाना डाला अपने जलती क्षुधा में आज।।
एक बार जरूर हीं पूछना खद्दर बाले ठेकेदार से आप।
राष्ट्रभक्ति का थोथा वादा जो जनता से करता है आज ।।
उससे उसके बलिदान को पूछना और पूछना उनके भूख।
मक्कारी और लूट को पूछना क्या राष्ट्रभक्ति का यही है रूप।।
हम तो बस आम जन है देश भक्ति को क्या जाने ।
नियम और निष्ठा का पालन करना ही तो हम जानें।
परिभाषा बेसक अलग अलग हो पर राष्ट्र हित की हो केवल बात ।
राष्ट्र विरोधी हर गतिविधि पर अपनी हो बस नजर हीं खास।।
कमलेश झा राजधानी दिल्ली