बापू सर झुकता है अपना..

आजादी की छाँव तले सब

बापू तुमको कोस रहे हैं

औरों का हक खाने वाले

दोष तुम्हीं में खोज रहे हैं

बड़े कृतध्न हुए हैं बालक

भूल गए गांधी को पढ़ना।

बापू सर झुकता है अपना।

सत्य अहिंसा के दम पर हीं

छुड़ा लिया था देश हमारा

राजनीति की काली छाया

लील रही अब देश तुम्हारा

खाली खाली ग्राम हुए हैं

रामराज्य का टूटा सपना ।

बापू सर झुकता है अपना।

मानवता की बात न पूछो

निर्धन जन की आफत आई

श्रम की कोई पूछ नहीं है

सत्ता पूंजी मरद लुगाई

काले अंग्रेजों ने देखो

बेच दिया है भारत अपना।

बापू सर झुकता है अपना।

बांट रहे जो ज्ञान अधूरा

बापू तेरी धूल नहीं है

असली दुश्मन है भारत के

लोकतंत्र की भूल ही है

असली रुप अलग है इनका

देश के लोगों इन से बचना।

बापू सर झुकता है अपना।

एक बार फिर आना बापू

अबकि मशीनें फिंकवाने को

अभी सुराज नहीं है आया

प्रीत दिलों में बढ़वाने को

कुछ दिन राज करो इस भू पर

रुके जरा नफरत का बढ़ना।

बापू सर झुकता है अपना।

मधुकर वनमाली

मुजफ्फरपुर बिहार

मो 7903958085