दोस्ती से कहीं ऊपर तो
प्यार से थोड़ा कम होता है
सच्चाई और विश्वास ही
इसका आधार होता हैं….
इसमें कोई नियम क़ानून
नहीं होता हैं
ना ही कोई हद होती है
लेकिन फिर भी
हर रिश्ते से
ज़्यादा इस रिश्ते में
मर्यादा होती है …..
हर बात दिल से
कही जाती हैं
तो रिश्ते भी दिल से
निभाया जाता हैं….
खुली किताब की तरह
हर राज बताया जाता हैं
एक दुजे के दर्द को
संग-साथ से मिटाया जाता है ….
दुनिया की नज़र में
इस रिश्ते का
कोई नाम नहीं होता
लेकिन राधा-कृष्ण जैसे
इसे निभाया जाता हैं …..
● रीना अग्रवाल
सोहेला (उड़ीसा)