सांवेर रोड़ औद्योगिक क्षेत्र में जहरीले पानी से हजारों श्रमिकों को गंभीर बीमारियों का ख़तरा –

:: सामान्य से तीन गुना अधिक कठोरता वाले पानी की समस्या ::
:: बोरिंग भी उगल रहे झागदार, बदबूदार पानी ::
इन्दौर (ईएमएस)। देश के सबसे स्वच्छ शहर का पांच बार लगातार खिताब हांसिल हो जाने के बावजूद सांवेर रोड औद्योगिक क्षेत्र के अनेक उद्यमियों को पिछले कई दिनों से जहरीला पानी पीने के लिए बाध्य होना पड़ रहा है। जल विशेषज्ञों की मानें तो 500 टीडीएस तक का पेयजल स्वास्थ्य के लिए उपयुक्त होता है, लेकिन सांवेर रोड के अनेक क्षेत्रों से लिए गए पानी के नमूनों में 1700 से 2 हजार तक टीडीएस का पानी पाया गया है। यह सामान्य के मुकाबले तीन से चार गुना अधिक कठोर पानी है, जिसके सेवन से पथरी एवं किडनी सहित पेट की अनेक बीमारियां जन्म ले सकती हैं।
सांवेर रोड औद्योगिक संगठन के हरी अग्रवाल ने बताया कि प्रदूषण निवारण मंडल, जिला प्रशासन, नगर निगम के जल यंत्रालय ने भी माना है कि सांवेर रोड औद्योगिक क्षेत्र का भूमिगत जल प्रदूषित हो चुका है। प्रदूषित भी इतना कि पानी की हार्डनेस 1700 से दो हजार टीडीएस तक पहुंच गई है। इसके कारण यह पानी पाइप लाइन में तो अवरुद्ध होता ही है, भूल से यदि इसका सेवन कर लिया जाए तो अनेक बीमारियों को भी जन्म दे सकता है। दिलचस्प तथ्य यह भी है कि सांवेर रोड के उद्यमियों ने अनेक बार संबंधित अधिकारियों का ध्यानाकर्षण किया, नगर निगम जल यंत्रालय के कार्यपालन यंत्री संजीव श्रीवास्तव को भी इस भयावह स्थिति से अवगत कराया, लेकिन यह समस्या तो दूर नहीं हुई, बल्कि अब जैसे-जैसे गर्मी का पारा बढ़ता जा रहा है, वैसे-वैसे क्षेत्र के जितने भी बोरिंग हैं, उनमें से केमिकलयुक्त, झागदार और बदबूदार पानी आने लगा है।
क्षेत्र के उद्यमियों ने राज्य शासन से लेकर जिला प्रशासन, नगर निगम एवं अन्य संबंधित विभागों से मांग की है कि समूचे सांवेर रोड़ औद्योगिक क्षेत्र का सर्वेक्षण कर जहां पर नर्मदा की पाइप लाइन नहीं है, वहां तत्काल या तो पाइप लाइन डालकर या क्षेत्र की नर्मदा की टंकियों से पाइप लाइन जोड़कर नर्मदा के कनेक्शन आवंटित किए जाएं, ताकि आगामी गर्मी के मौसम को देखते हुए उद्योगों में कार्यरत मजदूरों एवं उद्यमियों के स्वास्थ्य की सुरक्षा की जा सके।