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शुक्रिया तेरा,
मिथ्या तथ्यों से,
कुछ कटु सत्यो से,
मेरा, परिचय कराने के लिए।
शुक्रिया तेेरा,
अनखुले अस्तित्व में,
एक छोटी सी खिड़की,
बनाने के लिए।
शुक्रिया तेरा,
विस्मृति स्मृतिओ को,
फिर से हँसी सपने,
समरण कराने के लिए।
शुक्रिया तेरा,
अकेलेपन के भय से,
मुझको,
भयमुक्त बनाने के लिए।
शुक्रिया तेरा,
विरक्त हुये हृदय को,
झंकृत,
बनाने के लिए।
शुक्रिया तेरा,
बनना और बिखरना,
है प्रकृति का नियम,
ये स्थिति अवगत,
कराने के लिए।
शुक्रिया तेरा,
मेरे कारागृह से,
मुझे उन्मुक्त,
कराने के लिए।
शुक्रिया तेरा,
मेरी जिंदगी में आकर,
मुझे जीना सिखाने,
के लिए।
अमृता अग्रवाल
नेपाल( जिला: सर्लाही)