शो ‘ज़िद्दी दिल- माने ना’ में मोनामी की जिन्दगी में चारू तबाही लेकर आई है। धनु की मौत के बाद से उसका गुस्सा बेकाबू है और वह पराक्रम एकेडमी में भूचाल लाये बिना नहीं रूकेगी। इस बीच बल्ली करण की दुर्भाग्यपूर्ण मौत की भरपाई करने की कोशिश में है और उसने चारू को दबोचने में कर्नल बत्रा और उनकी टीम की मदद करने का प्रण लिया है।
सीएम मीट के दौरान कैडेट्स हाई अलर्ट पर थे, लेकिन चारू को अपना शातिर प्लान पूरा करने का मौका मिल गया और उसने तिल्ली को स्लीपर सेल बनाकर सीएम की हत्या के लिये मजबूर कर दिया। हालांकि मोनामी ने उसे देख लिया और उसका प्लान पूरा नहीं हो पाया। आखिरकार उसके पैर में गोली लग गई, जब बल्ली बम को निष्क्रिय करने की कोशिश में था। धवन निकल भागने में कामयाब रहा, लेकिन कैडेट्स ने उसके छुपने की गुप्त जगह तक उसका पीछा किया। घटनाओं के चौंकाने वाले मोड़ में संजू को एक कमरा मिला, जहाँ उसकी मुलाकात लंबे समय से चारू के बंधक बने एक आदमी से हुई। जल्दी ही खुलासा हुआ कि डरा हुआ, अकेला और पूरी तरह से टूट चुका वह आदमी कोई और नहीं, बल्कि करण का बड़ा भाई परम है, जिसे सालों पहले शहीद समझ लिया गया था।