:: राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण के सदस्य डॉ. अहमद की अध्यक्षता में हुई जिला पर्यावरण योजना की समीक्षा बैठक ::
इन्दौर । राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुपालन में पर्यावरण संरक्षण तथा प्रदूषण नियंत्रण हेतु इन्दौर जिले में जिला पर्यावरण योजना बनाई गई है। उक्त योजना के जिले में प्रभावी क्रियान्वयन तथा योजना अंतर्गत किए जा रहे कार्यों की समीक्षा हेतु राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण के सदस्य डॉ. अफरोज अहमद की अध्यक्षता में सोमवार को कलेक्टर कार्यालय के सभाकक्ष में बैठक आयोजित की गई। बैठक में कलेक्टर मनीष सिंह, नगर निगम आयुक्त प्रतिभा पाल, वन विभाग, कृषि विभाग, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य एवं अन्य संबंधित विभाग के अधिकारीगण उपस्थित रहे।
राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण के सदस्य डॉ. अहमद ने कहा कि स्वच्छता के क्षेत्र में लगातार सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिये इन्दौर कलेक्टर मनीष सिंह एवं जिले के समस्त प्रशासनिक टीम बधाई की पात्र हैं। उन्होंने कहा कि स्वच्छता एवं सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट से संबंधित जितने भी केस राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण की बेंच पर आते हैं वे उन्हें इन्दौर के मॉडल का अनुसरण करने का सुझाव अवश्य देते हैं। डॉ. अहमद ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर्यावरण संरक्षण के लिए अभूतपूर्व कदम उठा रहे हैं। उनके इस विजन को मूर्त रूप देने के लिए हम सभी का योगदान आवश्यक है। उन्होंने कहा कि जब वे कई वर्षों पहले इन्दौर आए थे तो यहां सड़कों के किनारों पर रखे कचरे के ढेर में मक्खियां घूमा करती थी, आज यहां की सड़कों का दृश्य एकदम अलग है। जिला प्रशासन की अनुशंसा और कड़ी मेहनत ने इन्दौर की तस्वीर को बदल दिया है। उन्होंने कहा कि वे इन्दौर के जनभागीदारी मॉडल से बहुत प्रभावित हैं।
राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण के सदस्य डॉ. अहमद ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि ग्राम पंचायत स्तर पर भी स्वच्छता के क्षेत्र में जन भागीदारी सुनिश्चित हो। उन्होंने डीएफओ को निर्देश दिए कि गांव में भी इंडीजीनस नर्सरी को प्रमोट करें। इससे ना केवल पर्यावरण संरक्षण होगा बल्कि ग्रामीणजनों को रोजगार भी मिलेगा। उन्होंने कहा कि नदी संरक्षण एवं जीर्णोद्धार के लिए भी लोगों में जागरूकता लाई जाए। यदि हमें अपने आगे आने वाली पीढ़ी के भविष्य को सुरक्षित करना है तो पर्यावरण को बचाना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि उन्हें इन्दौर पर फक्र महसूस होता है और उन्हें आशा है कि आगे आने वाले समय में भी इन्दौर देश के लिए ऐसे ही उदाहरण पेश करता रहेगा।
:: इन्दौर की वायु गुणवत्ता में आया उल्लेखनीय सुधार ::
बैठक में नगर निगम आयुक्त प्रतिभा पाल ने वर्ष 2015 के मई माह से स्वच्छता हेतु अपनाए गए विभिन्न मॉडलों का उल्लेख किया। बैठक में यह भी बताया गया कि इन्दौर की वायु गुणवत्ता को सुधारने के लिए किस तरह से प्रमुख उत्सर्जन क्षेत्रों की पहचान की गई। जिन उद्योगों से अधिक उत्सर्जन होता था उन्हें कोयले की जगह सीएनजी का उपयोग करने की सलाह दी गई। उन्होंने बताया कि इन्दौर की कोल आधारित 163 उद्योगों में से 43 उद्योग सीएनजी का उपयोग कर रहे हैं और बाकी उद्योग भी इसी दिशा में प्रगतिरत है। इसी तरह इन्दौर में इ-व्हीकल्स के उपयोग को प्रोत्साहित किया जा रहा है। इन्दौर के सभी होटल भी कोल की जगह सीएनजी का उपयोग कर रहे हैं। इन सभी प्रयत्नों से इन्दौर की वायु गुणवत्ता में काफी सुधार आया है। कलेक्टर सिंह एवं निगमायुक्त प्रतिभा पाल ने इन्दौर में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट हेतु किये गये सभी प्रयासों को विस्तृत रूप से राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण के सदस्य डॉ. अहमद को बताया।