नई दिल्ली । वरिष्ठ कांग्रेसी नेता और पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी अपने दो सप्ताह के यूरोप प्रवास के बाद रविवार को स्वदेश आ गए। इस बीच नेपाल की राजधानी काठमांडू में राहुल गांधी की एक पार्टी में मौजूदगी का वीडियो वायरल होने पर पार्टी को काफी फजीहत झेलनी पड़ी। इस दौरान भाजपा ने वायरल वीडियो को लेकर कांग्रेस पर जमकर हमला बोला। रिपोर्ट के मुताबिक कांग्रेस की तरफ से ये कहकर विवाद शांत किया गया कि ये वायरल वीडियो नेपाली मित्र की शादी का है। हालांकि इस पूरे विवाद के बाद कांग्रेस पार्टी के नेताओं के मन में एक ही सवाल है कि क्या राहुल गांधी फिर से पार्टी की बागडोर संभालेंगे।
बता दें कि इसी साल सितंबर महीने में कांग्रेस के संगठनात्मक चुनाव होने वाले हैं, जिसमें पार्टी अध्यक्ष को लेकर तस्वीर साफ हो जाएगी। वहीं इस विषय को भ्रम में डाल दिया गया है, क्योंकि राहुल गांधी ने अभी तक घोषणा नहीं की है या उनके विश्वसनीय लोगों को भी इस बात का विश्वास नहीं है कि राहुल गांधी एक बार फिर अध्यक्ष पद की दौड़ में शामिल होंगे।
वहीं हाल ही में कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व के साथ हुई बैठक में प्रशांत किशोर की दी गई प्रस्तुति में सोनिया गांधी को एआईसीसी प्रमुख के रूप में जारी रखने का सुझाव दिया गया था। हालांकि कई लोग मानते हैं कि पिछले दो वर्षों में राहुल गांधी ने अध्यक्ष पद को खारिज कर दिया, लेकिन अब आंतरिक चुनाव कराने के पार्टी के फैसले का मतलब है कि राहुल गांधी ने अपनी सहमति दे दी है।
एआईसीसी प्रबंधकों का कहना है कि ‘वे अभी भी अंधेरे में हैं। हम चाहते हैं कि वह फिर से नेता बने। लेकिन अभी तक कोई स्पष्टता नहीं है।’ हालांकि कहा ये भी जा रहा है कि 13 से 15 मई के दौरान होने वाला कांग्रेस का ‘चिंतन शिविर’ नेतृत्व के मुद्दे पर कुछ संकेत दे सकता है।
बता दें कि काफी दिनों से गुजरात कांग्रेस में चल रही नाराजगी को भी राहुल गांधी ने खत्म करने की कोशिश की है। राहुल गांधी ने गुजरात कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष हार्दिक पटेल को मैसेज लिखकर उनसे पार्टी में रहने को कहा है। साथ ही पार्टी के नेताओं को निर्देश दिया कि वह हार्दिक पटेल से मुलाकात कर शिकायतों को दूर करें।