हर तरफ 

डॉ टी महादेव राव 

बेदर्द नजारे हर तरफ 

डूबे सितारे हर तरफ 

इंसानियत को रौंद गए 

भाले हमारे हर तरफ 

उंगलियां है कानों में 

कितनी पुकारें हरतरफ 

मजहबी बातों पर अब 

कैसे इशारे हर तरफ 

खुदगर्ज भरी दावों पर 

वारे और न्यारे हर तरफ 

हाथ खाली पेट खाली 

बच गए नारे हर तरफ 

हर सू  चीख-पुकारें हैं 

बहरे हैं सारे हर तरफ

डॉ टी महादेव राव

विशाखापटनम (आंध्र प्रदेश)

9394290204