इन्दौर । इन्दौर प्रेस क्लब में चल रही पांच दिवसीय लहरी की कार्टूनशाला में आज तीसरा दिन था, जिसमें मीडिया के साथियों के बच्चे बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं। आज अतिथि के रूप में प्रसिद्ध अंतरराष्ट्रीय कामेन्ट्रेटर श्री सुशील दोशी प्रतिभागी बच्चों से रूबरू हुए। उन्होंने बच्चों से बात करते हुए कहा कि बचपन की उम्र ऐसी उम्र होती है, जिसमें आप पूर्ण आनंद उठा सकते हैं। इस उम्र में सपने देखना आम बात होती है, लेकिन इन सपनों को पूरा करना एक खास बात होती है। सपने देखे, लेकिन इसे पूरा करने की भरपूर कोशिश करें।
उन्होंने कहा कि मेरा बचपन भी गरीबी में ही गुजरा है। इतवारिया बाजार में 15 के किराए पर हम रहते थे। क्रिकेट का शौक मुझे पहले से ही था। एक बार मुंबई में हो रहे अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट को देखने के लिए जिद पकड़ ली कि मुझे मैच देखने जाना है। इसके लिए पिताजी जैसे-तैसे मुझे मुंबई ले गए। 4 दिन तक स्टेडियम के आसपास भटकते रहे, लेकिन स्टेडियम में जा नहीं सके। यह देखकर एक पुलिस वाले ने मुझे अंदर जाने के लिए कोशिश की। पहली बार मैंने वहां पर देश के खिलाडिय़ों के साथ विदेशी खिलाडिय़ों को देखा। तभी मेरी नजर मैदान के कॉमेंट्री बॉक्स पर पड़ी। तब देश के ख्यात कॉमेन्ट्रेटर विजय मर्चेंट हुआ करते थे, तभी से मैंने सपना देखा कि मैं भी एक अच्छा कॉमेन्ट्रेटर बनुंगा। इसके लिए मैंने भरपूर मेहनत की। मेरा सपना पूरा हुआ 1972 में जब उसी ब्रेब्रोन स्टेडियम में मुझे पहली बार टेस्ट मैच की कॉमेंट्री का मौका मिला, जहां मैंने पहली बार धक्के खाते हुए मैच देखा था। मेरी कॉमेंट्री को अंग्रेजी कॉमेन्ट्रेटर भी पसंद करने लगे। कई बड़े खिलाड़ी तो मुझसे कॉमेंट्री सीखने के लिए आग्रह करने लगे। वैसे तो मैं पढ़ाई में फिसड्डी विद्यार्थी था, लेकिन अपनी काबिलियत के बल पर अंतरराष्ट्रीय कॉमेन्ट्रेटर बन सका।
उन्होंने आगे कहा कि आप लोग तो ब्रिलियंट हैं। इसीलिए खूब मेहनत करें। श्री दोशी ने विराट कोहली के जीवन की घटना के बारे में भी बच्चों को जानकारी दी। कैसे विराट कोहली जब मैच खेलने जा रहे थे, उनके पिताजी का देहांत हो गया था और उन्होंने फिर भी हिम्मत करके मैच खेला और जीत हासिल करवाई थी। अपने जीवन का एक लक्ष्य अवश्य बनाकर रखें। माता-पिता को कभी ना भूले, क्योंकि वही आपकी कामयाबी पर सबसे ज्यादा खुश होते हैं। कभी किसी से भी अपनी तुलना न करें। हर व्यक्ति प्रतिभाशाली होता है। काम दिल से करें। आलोचना से दुखी ना हों। यहां आकर लगा कि मेरा बचपन फिर से लौट आया है। इस अवसर पर श्री दोषी ने लाइव कमेंट्री का टेलीकास्ट भी किया।
कार्टूनशाला में प्रशिक्षण दे रहे श्री लहरी ने बच्चों को एक ही सीख दी कि वे मेहनत के साथ काम करें। किसी भी कला को सीखने के लिए हमेशा तैयार रहें, क्योंकि देश में कार्टून बनाने वाले बहुत कम है। आप अपना कैरियर इसमें बना सकते हैं।
अतिथि परिचय प्रेस क्लब अध्यक्ष अरविंद तिवारी ने कराया। उन्होंने बताया की दोशी जी की कॉमेंट्री को विदेशी खिलाड़ी भी पंसद करते हैं। सबसे पहले देश-विदेश में हिंदी कॉमेंट्री करने वाले वे एकमात्र शख्सियत हैं। इस मौके पर श्री दोशी ने एक अंतर्राष्ट्रीय स्पर्धा में दौडऩे के लिए दक्षिण अफ्रीका जा रहे इन्दौर के धावक कार्तिक जोशी का सम्मान भी किया। इस अवसर पर प्रेस क्लब महसचिव हेमंत शर्मा, उपाध्यक्ष प्रदीप जोशी और कार्टूनिस्ट इरशाद कप्तान सहित कई पत्रकार और मीडिया के साथ भी उपस्थित थे।