नई दिल्ली । देश की मशहूर वाहन निर्माता कंपनी टाटा मोटर्स चालू वित्त वर्ष में मौजूदा कर्मचारियों के कौशल विकास के साथ ही नई भर्ती के जरिये अपनी शोध एवं विकास (आरएंडडी) क्षमताओं को मजबूत करने की तैयारी कर रही है। कंपनी के एक शीर्ष अधिकारी ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस कवायद का मकसद इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) खंड सहित विभिन्न व्यावसायिक कार्यक्षेत्रों में दक्षता को बढ़ाना है। कंपनी ईवी खंड में बैटरी पैक और वाहन के रंगरूप को लेकर अपनी विशेषज्ञता बढ़ाने पर विचार कर रही है।
टाटा मोटर्स के अध्यक्ष (यात्री वाहन और इलेक्ट्रिक वाहन) शैलेश चंद्रा ने विश्लेषकों के साथ बातचीत में कहा, ‘जहां तक आरएंडडी में भर्ती की बात है, हम इस साल खासतौर से जोरदार भर्ती करने जा रहे हैं, लेकिन इसके साथ ही एक अन्य क्षेत्र है, जहां हम बहुत गहराई से काम कर रहे हैं और वह है आरएंडडी के भीतर मौजूदा इंजीनियरों का कौशल विकास।’ उन्होंने कहा कि कंपनी बेहद गंभीरता के साथ अपने आरएंडडी आधार का विस्तार करने की योजना बना रही है। चंद्रा ने कहा कि क्षमताओं को बढ़ाने के लिए जेएलआर सहित अन्य समूह संस्थाओं के साथ सहयोग बढ़ाया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘जेएलआर सहित विभिन्न टाटा कंपनियों के साथ कई तरह के गठजोड़ होंगे। इसलिए क्षमताएं केवल टाटा मोटर्स के भीतर ही सीमित नहीं होंगी, बल्कि जेएलआर सहित दूसरी टाटा कंपनियों के साथ तालमेल के अवसरों पर भी विचार किया जाएगा। जैसे सॉफ्टवेयर के क्षेत्र में बहुत अधिक क्षमता है। ये ऐसे क्षेत्र हैं, जहां हम ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।’