-घटनाओं की जांच कर रहे एक्सपर्ट पैनल ने कहा
नई दिल्ली । इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर वाहनों में बेसिक सेफ्टी सिस्टम की कमी है। सरकार इस कमी को ठीक करने के उपाय और निर्माताओं के खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर सकती है। यह कमी इलेक्ट्रिक वाहनों में आग लगने की घटनाओं की जांच कर रहे एक एक्सपर्ट पैनल ने पाई है। पैनल से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि पैनल को ज्यादा गर्म बैटरियों के लिए ऊर्जा जारी करने के लिए कोई वेंटिंग सिस्टम नहीं मिला और बैटरी मैनेजमेंट सिस्टम में गंभीर कमी पाई गई थी।
कई इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन केवल न्यूनतम कार्यक्षमता के साथ आते हैं और वाहन सुरक्षा को प्राथमिकता देने के बजाय शॉर्टकट ले लिए जाते हैं। पैनल एक सप्ताह के भीतर अपनी अंतिम रिपोर्ट सरकार को सौंप सकती है। लेकिन वे पहले ही ईवी निर्माताओं के साथ अपनी सुरक्षा सिफारिशें शेयर कर चुके हैं।सरकार की ओर से गठित जांच कमेटी ने पिछले हफ्ते पाया था कि इलेक्ट्रिक स्कूटरों में आग लगने की वजह बैटरी के डिजाइन में खामी है। विशेषज्ञ अब अपने वाहनों में संबंधित बैटरी मुद्दों को हल करने के लिए ईवी निर्माताओं के साथ व्यक्तिगत रूप से काम करेंगे। टीम ने ओकिनावा ऑटोटेक, बूम मोटर, प्योर ईवी, जितेंद्र ईवी और ओला इलेक्ट्रिक से संबंधित ई-स्कूटर में आग लगने की घटनाओं को अपनी जांच मे शामिल किया था। बता दें कि हाल ही में देश के कई हिस्सों में इलेक्ट्रिक स्कूटरों में आग लगने की घटनाएं हुई हैं, जिससे निर्माताओं को अपने वाहनों को वापस बुलाने के लिए मजबूर होना पड़ा है।
ओकिनावा ऑटोटेक ने 3,000 से अधिक इकाइयों को वापस बुलाया था, जबकि प्योरईवी ने लगभग 2,000 इकाइयों के लिए इसी तरह रिकॉल किया था। हाल ही में उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के तहत काम करने वाली केंद्रीय मानक-निर्धारण एजेंसी भारतीय मानक ब्यूरो ने इलेक्ट्रिक वाहनों की बैटरियों में आवश्यक न्यूनतम मानकों को बनाए रखने के लिए नए मानक तय किए हैं। नए मानकों के तहत बैटरियों को परफॉर्मेंस, विश्वसनीयता और इलेक्ट्रिक कार्यक्षमता के आधार पर टेस्ट से गुजरना होगा।