नई दिल्ली । देश के कर्नाटक, केरल, आंध्रप्रदेश, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, गुजरात, राजस्थान और असम राज्य इन दिनों बाढ़ का प्रकोप झेल रहे हैं। जबकि, पाकिस्तान के कुछ हिस्से भी बाढ़ की चपेट में हैं। उधर, केन्या में बादल फटने से बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं। इनके अलावा दुनिया के कई दूसरे हिस्से, जिसमें लगभग समूचा यूरोप शामिल है, इन दिनों भीषण गर्मी से बेहाल हैं। इनमें चीन जैसे एशिया के कई देश शामिल हैं। चीन में जारी हीटवेट से हालात बद से बदतर हो गए हैं। यूरोप की बात करें तो यहां के कई देशों में भीषण गर्मी की वजह से जंगलों में आग लग रही है। मध्य पुर्तगाल में भी जंगल की आग ने लोगों का जीना मुहाल कर रखा है। इस आग को बुझाने के लिए करीब दो हजार फायरफाइटर्स दिन रात लगे हुए हैं।
आसमान से भी आग पर काबू पाने की कोशिश की जा रही है। पुर्तगाल में जून में ही भयंकर सूखे की चेतावनी दी गई थी। यहां का तापमान 47 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच चुका है। यहां पर करीब 1 हजार लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया गया है। पुर्तगाल में नागरिक सुरक्षा ने जानकारी दी है कि वहां पर जंगल की आग बुझाते समय एक अग्निशमन विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया जिसमें पायलट की मौत हो गई। यह हादसा ब्रेगेंका क्षेत्र में हुआ।
दक्षिण पश्चिम यूरोप में लगातार पड़ रही भीषण गर्मी से जंगलों में आग लग रही है। इसकी वजह से सैकड़ों घर, गाडि़यां और दूसरे व्यवसायिक प्रतिष्ठान भी खाक हो रहे हैं। हजारों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुचाया गया है। बता दें कि ये समय यूरोप में छुट्टियों का होता है और अधिकतर लोग घूमने के लिए बाहर जाते हैं। इस बार गर्मी की वजह से लग रही आग ने इनके सभी प्लान पर पानी फेर दिया है। भीषण गर्मी की वजह से फ्रांस में कई जंगल आग की चपेट में हैं। इसको देखते हुए राष्ट्रपति इमैन्युल मैंक्रों ने प्रशासन को सभी विकल्पों का उपयोग कर आग पर काबू पाने के निर्देश दिए हैं। जंगलों की आग से उठता हुआ धुआं सैकड़ों किमी दूर से देखा जा सकता है। आग की वजह से 3700 हेक्टेयर पर लगे पेड़ जलकर खास हो गए हैं। यूरोप के कई इलाकों में हीटवेव की चेतावनी दी गई है।
मोरक्को में भी ऐसा ही हाल देखने को मिल रहा है। यहां के लाराचे और ताजा प्रांत के जंगलों में कई दिनों से आग लगी है। फायरफाइटर्स समेत स्थानीय लोग भी इस आग पर काबू पाने की कोशिश कर रहे हैं। प्रशासन ने यहां से कम से कम 500 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। जर्मनी में भी गर्मी से हाल बेहाल है। वहीं गैस की कमी ने यहां के लोगों की हालत खराब कर रखी है। ऐसे में यूरोपीय संघ ने सभी देशों से कूलिंग प्लांट का उपयोग कम करने की हिदायत दी है। ये हिदायत गैस की कमी को देखते हुए दी गई है।