श्री कृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मामला: कोर्ट 21 जुलाई को सुना सकता है फैसला
मथुरा । श्रीकृष्ण जन्म भूमि मुक्ति न्यास के अध्यक्ष की तरफ से दाखिल प्रार्थना पत्र पर कोर्ट में सुनवाई हुई। मथुरा में सिविल जज सीनियर डिविजन की अदालत में वादी महेंद्र प्रताप सिंह के प्रार्थना पत्र पर सुनवाई हुई। जिसमें हिंदू पक्ष और मुस्लिम पक्ष ने अपनी अपनी दलील रखी। मुस्लिम पक्ष ने इस मामले को ‘नॉन मेंटबल’ बताते हुए केस को खारिज करने की मांग की। वहीं हिंदू पक्ष ने जिला जज की अदालत का फैसला रखते हुए केस को सुनने लायक बताया। अधिवक्ता महेंद्र प्रताप सिंह ने कोर्ट में दाखिल किए गए प्रार्थना पत्र के जरिए मांग की है कि शाही ईदगाह में स्टे, कोर्ट कमीशन और सर्वे किया जाए।
हिंदू और मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ताओं ने न्यायालय के सामने अपनी-अपनी दलीलें रखी हुई है। इस दौरान हिंदू पक्ष ने मुस्लिम पक्ष के सीपीसी 7/11 के तहत दायर किए प्रार्थना पत्र पर अपना आपत्ति दाखिल की हुई है और इसकी एक कॉपी प्रतिवादी पक्ष यानी मुस्लिम पक्ष को दी हुई है। सिविल जज सीनियर डिविजन की अदालत में हिंदू और मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ताओं में बहस हुई। दोनों पक्ष के अधिवक्ताओं ने न्यायालय के सामने अपनी अपनी दलीलें रखी। इस दौरान हिंदू पक्ष के अधिवक्ता का कहना था कि पूर्व में श्रीकृष्ण विराजमान के केस के मेंटेनेबल और नॉन मेंटेनेबल को लेकर जिला न्यायालय में सुनवाई हो चुकी है जहां जिला जज की अदालत मामले को खारिज कर चुकी है और केस को मेंटेनेबल माना गया है। 7/11 पर अदालत में करीब आधा घंटे तक दोनों पक्षों में बहस हुई। दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद न्यायालय ने फैसला रिजर्व रखते हुए अगली सुनवाई की तारीख 21 जुलाई दी। संभावना जताई जा रही है कि इस मामले को लेकर कोर्ट 21 जुलाई को फैसला सुना सकती है।