मुंबई । शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने वरिष्ठ नेता रामदास कदम और पूर्व सांसद आनंदराव अडसुल को ‘पार्टी विरोधी’ गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में पार्टी से बर्खास्त कर बाहर का रास्ता दिखा दिया। महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री कदम ने ‘शिवसेना नेता’’ के रूप में इस्तीफा देते हुए एक पत्र ठाकरे को भेजा था जिसमें दावा किया गया था कि उनका लगातार ‘अपमान’ किया गया, जबकि ठाकरे मुख्यमंत्री रहते हुए हमेशा व्यस्त रहते थे।
अमरावती लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व कर चुके पूर्व केंद्रीय मंत्री अडसुल ने छह जुलाई को पार्टी से इस्तीफा देते हुए एक पत्र लिखा था। ठाकरे ने सोमवार शाम को कदम और अडसुल को बर्खास्त करने की घोषणा की। कदम ने अपने पत्र में शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और कांग्रेस के बीच 2019 के चुनाव के बाद के गठबंधन पर अपनी पीड़ा व्यक्त की, जिसे उन्होंने शिवसेना के संस्थापक, दिवंगत बाल ठाकरे के विचारों के साथ विश्वासघात करार दिया।
यह कदम मुंबई और नई दिल्ली में तीव्र अटकलों के बीच आया है कि शिवसेना के एक दर्जन सांसदों के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के समूह में शामिल होने की संभावना है और वे जल्द ही अपने फैसले की घोषणा कर सकते हैं। इससे पहले सोमवार को कदम, जिनके विधायक पुत्र योगेश कदम पिछले महीने शिंदे खेमे में शामिल हुए थे, ने शिवसेना के उपनेता पद से इस्तीफा दे दिया था। अपने त्याग पत्र में, उन्होंने कहा कि बालासाहेब ठाकरे के निधन के बाद, उपनेता के पद का मूल्य खो गया था। उन्होंने यह भी बताया कि पार्टी नेतृत्व द्वारा उन्हें और उनके बेटे को कैसे परेशान किया जा रहा था। कदम ने इस बात पर अपनी नाराजगी व्यक्त की कि पिछले लगभग तीन वर्षों से पार्टी नेतृत्व द्वारा उन्हें कथित तौर पर ‘चुप’ करा दिया गया था। कदम ने आरोप लगाया कि उन्हें अभी भी अज्ञात कारणों से मीडिया से बात करने की अनुमति नहीं दी गई थी।