सुरसा के मुंह सी बढ़ती महंगाई पर विपक्ष का हल्ला बोल

-लोकसभा 2 बजे तक के लिए स्थगित
नई दिल्ली । संसद के मानसून सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को सदन की कार्यवाही आरंभ होते ही विपक्षी सांसदों ने सुरसा के मुंह सी बढ़ती महंगाई ​और बेतहासा मूल्य वृद्धि के मुद्दे पर मोदी सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी शुरू कर दी। विपक्षी सदस्यों ने सदन में तख्तियां लहराईं। स्पीकर ओम बिड़ला ने इसे सदन के नियमों के विरुद्ध बताया और लोकसभा की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। कांग्रेस सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने अग्निपथ योजना के खिलाफ राज्यसभा में बिजनेस नोटिस दिया। वहीं आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्ढा ने बिजनेस नोटिस देकर भारत सरकार द्वारा गठित एमएसपी कमेटी पर राज्यसभा में चर्चा की मांग की। तमिलनाडु के कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने कुछ आवश्यक वस्तुओं पर 5 प्रतिशत जीएसटी लगाने के मुद्दे पर लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव नोटिस दिया।
मानसून सत्र 18 जुलाई को शुरू हुआ और 12 अगस्त तक चलेगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और विदेश मंत्री एस जयशंकर सर्वदलीय बैठक के दौरान विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं को श्रीलंका संकट पर जानकारी देंगे। संसद के मानसून सत्र से पहले बुलाई गई सभी पार्टियों की एक बैठक के दौरान, तमिलनाडु के राजनीतिक दलों द्रमुक और अन्नाद्रमुक ने मांग की थी कि भारत को अपने पड़ोसी देश श्रीलंका की स्थिति सुधारने में हस्तक्षेप करना चाहिए, जो एक दुर्बल आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। सर्वदलीय बैठक में डीएमके और एआईएडीएमके दोनों ने श्रीलंका की तमिल आबादी को लेकर अपनी चिंताएं जाहिर की थीं। बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए अन्नाद्रमुक नेता एम थंबीदुरई ने कहा था कि श्रीलंका में संकट के समाधान के लिए भारत को हस्तक्षेप करना चाहिए।
इसको लेकर केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा था कि सरकार मंगलवार को श्रीलंका की स्थिति पर एक सर्वदलीय बैठक करेगी जिसकी अध्यक्षता केंद्रीय मंत्री सीतारमण और जयशंकर करेंगे। श्रीलंका सात दशकों में अपने सबसे खराब आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। विदेशी मुद्रा भंडार की गंभीर कमी के कारण भोजन, ईंधन और दवाओं सहित अन्य आवश्यक वस्तुओं के आयात में बाधा आ रही है। आर्थिक संकट के कारण श्रीलंकाई सरकार के खिलाफ उपजे जनविद्रोह ने देश में राजनीतिक संकट को भी जन्म दे दिया है। भारत ने श्रीलंका को आश्वासन दिया है कि वह देश में लोकतंत्र, स्थिरता और आर्थिक सुधार का समर्थन करना जारी रखेगा।