इंटरनेट और स्मार्टफोन के जरिए की जा सकती है जासूसी भी

-स्मार्टफोन की स्क्रीन को किया जा सकता है रिकॉर्ड
नई दिल्ली । ऑनलाइन हो चुकी हमारी रोजमर्रा की लाइफ में इंटरनेट और स्मार्टफोन के जरिए हमारी जासूसी भी की जा सकती है। जासूसी के तो कई मामले में हमें देखने-सुनने को मिलते हैं। ऐसे ही कुछ मामलों में जासूसी के लिए स्कीन रिकॉर्डिंग का इस्तेमाल किया जा चुका है। यानी आपके स्मार्टफोन की स्क्रीन को रिकॉर्ड किया जा सकता है।
आइए जानते हैं आप किसी तरह से पता कर सकते हैं स्क्रीन रिकॉर्डिंग का और कैसे इससे बच सकते हैं।स्मार्टफोन की स्क्रीन रिकॉर्डिंग कई तरह से होती है। आप स्क्रीन को आवाज के साथ या बीना और टच व टैप के साथ रिकॉर्ड कर सकते हैं। यानी हैकर्स चाहे तो आप अपनी स्क्रीन में कहां-कहां टैप करते हैं, ये भी रिकॉर्ड कर सकते हैं। इसे और ज्यादा आसान तरीके से समझें तो हैकर्स को आपके पासवर्ड और क्रेडेंशियल्स की जानकारी मिल सकती है। वहीं आप की पर्सनल फोटोज से लेकर किसी से हुई बातचीत तक इसकी हैकिंग के जरिए रिकॉर्ड की जा सकती है।इसके बाद यूजर को आपके फोन को हैक करने की शायद जरूरत भी नहीं पड़ेगी। क्योंकि उसके पास आपके सभी क्रेडेंशियल्स होंगे और वह जब चाहे तब आपका डेटा एक्सेस कर सकेगा। वक्त के साथ एंड्रॉयड स्मार्टफोन और आईफोन में कई ऐसे फीचर जुड़ गए हैं, जो हैकर्स के लिए इस काम को मुश्किल बना देते हैं। हालांकि, इसके लिए आपको कुछ चीजों का ध्यान रखना जरूरी होता है।
अगर आप अपने फोन को यूज करते हुए ध्यान देते होंगे, तो इसमें कुछ सेंसर लाइट्स लगी होती है। ये लाइट्स कुछ फीचर के एक्टिव होने पर ऑन हो जाती हैं। जैसे ही आप अपने फोन का माइक यूज करते हैं एक ग्रीन लाइट जलने लगती है। वहीं जैसे ही आप कैमरा ऑन करते है एक और लाइट जलने लगती है। इसी तरह से जब भी आप स्क्रीन रिकॉर्डर ऑन करेंगे, तो आपकी स्क्रीन के ऊपर ब्रैकेट में कैमरा बना नजर आएगा। यह आइकन ब्लिंक होता रहता है। अगर आपको लगता है कि स्मार्टफोन में ये आइकन या फिर लाइट्स आपकी परमिशन के बिना जल रही हैं, तो समझ लीजिए कि कोई आपकी जासूसी कर रहा है।चूंकि आपको पता है कि कोई आपकी जासूसी कर रहा है, तो उसके पास आपकी बहुत सी डिटेल्स पहुंच चुकी होंगी।
ऐसे में आपको सबसे पहले स्क्रीन रिकॉर्डिंग बंद करनी होगी। इसके दो तरीके हैं- या तो आपको पता चल जाए कि किस ऐप से रिकॉर्डिंग हो रही है।इसकी मदद से आप उस ऐप की परमिशन को रिमूव कर सकते हैं। मगर ज्यादातर मामलों में आप ऐसा पता नहीं लगा पाएंगे। क्योंकि हैकर्स इन ऐप्स को किसी सिस्टम ऐप के नाम से इंस्टॉल करते हैं। इस स्थिति में आपको दूसरे तरीके का इस्तेमाल करना होगा।यूजर्स को अपना स्मार्टफोन फैक्ट्री रिस्टोर करना होगा। इस तरह से आपके फोन में कंपनी की ओर से इंस्टॉल सभी ऐप्स के अलावा दूसरे ऐप्स डिलीट हो जाएंगे।