यूक्रेन के खिलाफ जमीनी लड़ाई में कमजोर पड़ा रूस, अब पुतिन ले सकते हैं परमाणु हमले का आदेश

कीव । रूस और यूक्रेन युद्ध को 6 महीने से भी अधिक समय गुजर चुका है। अब तक जंग किसी भी नतीजे पर नहीं पहुंची है। रूस अब तक यूक्रेन पर ठीक से कब्जा नहीं कर पाया है। अब युद्ध इस मोड़ पर पहुंच गया है कि पुतिन परमाणु हथियार प्रयोग करने के विकल्प पर विचार करें। यूक्रेन के एक शीर्ष जनरल वैलेरी ज़ालुज़्नीक ने कहा कि अब पुतिन हताशा में परमाणु हथियारों को इस्तेमाल करने का ‘आदेश’ दे सकते हैं, जो दुनिया को तीसरे विश्व युद्ध की आग में ढकेल देगा।
जनरल ज़ालुज़्नीक की चेतावनी ऐसे समय पर आई है जब पुतिन की सेना युद्धभूमि में निराश हो चुकी है और हथियारों और सैनिकों की कमी से जूझ रही है। रूस न सिर्फ यूक्रेन को हराने में नाकाम रहा है, बल्कि कड़े प्रतिरोध के चलते उसे कीव से पीछे हटकर पूर्वी क्षेत्र में सिमटना पड़ा है। ऐसे में यह खतरा बना हुआ है कि पुतिन युद्ध का रुख मोड़ने के लिए परमाणु हथियारों का इस्तेमाल कर सकते हैं।
ज़ालुज़्नीक ने अपनी चिंताओं को जाहिर करने के लिए एक यूक्रेनी सांसद के एक लेख का इस्तेमाल किया। उन्होंने कहा कि रूसी सेना की तरफ से, विशेष परिस्थितियों में, परमाणु हथियार इस्तेमाल किए जाने का स्पष्ट खतरा है। परमाणु संघर्ष में दुनिया के अन्य देशों को प्रत्यक्ष भागीदारी की संभावना को पूरी तरह से खारिज करना भी संभव नहीं है। जिसका मतलब है कि तीसरे विश्व युद्ध की संभावनाएं पहले से ही साफतौर पर दिखाई दे रही हैं।
जनरल ज़ालुज़्नीक ने कहा पश्चिम को क्रेमलिन को चेतावनी देने की जरूरत है कि अगर परमाणु हथियारों का इस्तेमाल किया जाता है तो उसे जवाबी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। रूस के परमाणु हथियारों के इस्तेमाल के खतरे को लेकर यूक्रेनी जनरल की चेतावनी रिटायर्ड ब्रिटिश जनरल सर रिचर्ड बैरोन्स की चेतावनी के बाद आई है। रिचर्ड ने आशंका जताई थी कि अगर पुतिन को यूक्रेन में ‘हार’ का सामना करना पड़ा तो उनके परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करने की ‘संभावना’ है।
यूक्रेनी जनरल ने बताया कि जेलेंस्की की सेनाओं ने पूर्व और दक्षिण में 270 वर्ग मील के अपने क्षेत्र पर दोबारा कब्जा कर लिया है। यूक्रेन के सुरक्षा बलों ने शुक्रवार को देश के पूर्वी हिस्से में रूसी सेना के खिलाफ अपने जवाबी हमले में नई सफलता का दावा किया और एक बड़े गांव पर नियंत्रण कर लिया, जिसके बाद वे एक महत्वपूर्ण परिवहन जंक्शन की ओर बढ़ गए। अमेरिका के शीर्ष राजनयिक और नाटो के प्रमुख ने इस घटनाक्रम का जिक्र किया। हालांकि, उन्होंने आगाह किया कि युद्ध के कई महीनों तक चलने की आशंका है।