मुंबई, । शनिवार से पितृ पक्ष की शुरूआत पर लोगों ने पितरों को तर्पण कर याद किया। जलाशयों में तर्पण के लिए सुबह से लोग पहुंचे। बता दें कि पितरों की तिथि में पिंडदान किया जाता है। मान्यता है कि तर्पण से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। मालूम हो कि भाद्रपक्ष मास की पूर्णिमा से पितृ पक्ष की शुरूआत होती है। हिन्दू धर्म में पितृ पक्ष का विशेष महत्व है। पितृ पक्ष में पितरों के आर्शीवार्द से परिवार में सुख समृद्धि आती है, जबकि पितृ दोष से कलेश और कष्ट मिलते है। पितृ पक्ष में श्राद्ध आदि भी किया जाता है। शनिवार को सुबह से लोग विभिन्न जलाशयों में तर्पण के लिए पहुंचने लगे। मुंबई के बाणगंगा पर ब्राम्हणों के द्वारा तर्पण कराया गया। तर्पण में कुश, काला तिल का उपयोग किया गया। ग्रामीण क्षेत्रों में भी तर्पण के लिए लोग जलाशयों में पहुंचे। पितरों से लोगों ने गलती की क्षमा मांगी। पितृ पक्ष में लोग नए कार्यों सहित मांगलिक कार्य करने से परहेज करते है। बताया जा रहा है कि इस बार पितृ पक्ष 16 दिनों तक चलेगा। यानि इस साल पितृपक्ष 10 सितंबर से शुरू होकर 25 सितंबर रविवार को समाप्त होगा।