अमीबियासिस से करें बचाव

अमीबियासिस के बारे में कम ही लोग जानते हैं जि‍से अमरबारुग्णता भी कहा जाता है।
यह आसानी से फैलने वाली बीमारी है। इससे बचने के लिए आपको यह जानना बेहद जरूरी है-
कारण : परजीवी जीवाणु से होने वाला अमीबियासिस, प्रमुख रूप से एक जलजनित रोग है, जो संक्रमित पानी पीने एवं दूषित व कीटाणु युक्त खाद्य पदार्थों के सेवन से होता है। यह उन जगहों पर ज्यादा होती है जहां ठीक से साफ सफाई न हो या भरपूर भोजन पानी न मिलता हो।
भोजन निर्माण एवं संग्रहण से संबंधित समस्त तत्व शुद्धता तथा कीट से बचाव पर केंद्रित होते हैं।
कैसे होता है संक्रमण : आसानी से फैलने वाले इस संक्रमण में प्रोटोजोन, एंट-अमीबा हिस्टोलाइटिका, बड़ी आंत को अपना घर बनाता है और उसे संक्रमित कर आपको बीमार बना देता है। यह एक कोशीय जीवाणु बड़ी आंत के अतिरिक्त लीवर, फेफड़ों, हृदय, मस्तिष्क, वृक्क, अंडकोष, अंडाशय, त्वचा आदि तक में पाया जा सकता है।
लक्षण :
पतले दस्त, उल्टी होना, जी मचलाना, पेट फूलना, परिवर्तित पाखाने की आदत, भोजन पश्चात दस्त, बुखार, पेट में रुक-रुक कर दर्द, कब्ज या बारी-बारी से दस्त, थकान, वजन का एकदम कम होना, भूख न लगना, अपच वायु-विकार इसके प्रमुख लक्षणों में शामिल हैं।
उपचार-
(1) नारियल पानी का सेवन करें।
(2) काली चाय बनाकर पिएं।
(3) जाम, पपीते जैसे फलों का सेवन करें।
(4) बेल और अखरोट का सेवन लाभकारी होगा।
पेयजल में क्लोरिवेट दवा डालें या पानी को उबालकर शुद्ध करके ही पिएं।
इसके अलावा चिकित्सक की सलाह से दवाएं लें।