समकक्ष फुमियो किशिदा से भी की मुलाकात
तोक्यो । जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे को मंगलवार को जापान अंतिम विदाई दे रहा हैं। भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राजकीय अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए टोक्यो पहुंचे। समारोह से पहले उन्होंने अपने जापानी समकक्ष फुमियो किशिदा के साथ द्विपक्षीय बैठक की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शिंजो आबे की काफी गहरी दोस्ती थी। दोनों देशों के रिश्तों को अलग स्तर पर ले जाने के पीछे शिंजो आबे का हाथ था। भारत और जापान के राजनैतिक रिश्ते भी काफी अच्छे हैं।
गौरतलब है कि आबे (67) की आठ जुलाई को उस समय गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, जब वह दक्षिणी जापानी शहर नारा में चुनाव प्रचार के दौरान एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे।
प्रधानमंत्री मोदी ने तोक्यो में अपने जापानी समकक्ष फुमियो किशिदा से मंगलवार को मुलाकात की। इस दौरान दोनों नेताओं ने भारत और जापान की विशेष रणनीतिक व वैश्विक साझेदारी को और मजबूत करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता जाहिर की। बैठक के दौरान, पीएम मोदी ने भारत-जापान साझेदारी को मजबूत करने के साथ-साथ एक स्वतंत्र, खुले और समावेशी हिंद-प्रशांत क्षेत्र के दृष्टिकोण की अवधारणा में पूर्व पीएम आबे के योगदान का उल्लेख किया। पीएम मोदी ने कहा, उन्होंने भारत-जापान संबंधों को एक बड़े स्तर पर ले गए और कई क्षेत्रों में इसका विस्तार भी किया।
पीएम मोदी ने जापान पहुंचने से पहले उन्होंने कहा था, ये बैठकें भारत-जापान संबंधों को गहरा करने की दिशा में दोनों नेताओं की प्रतिबद्धता रेखांकित करती है, खासकर वैश्विक महामारी के बाद की क्षेत्रीय व वैश्विक व्यवस्था को आकार देने के संदर्भ में…। क्वात्रा ने कहा कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत और जापान के बीच गहरा तालमेल है।
आबे को याद कर भावुक हुए पीएम मोदी
प्रधानमंत्री मोदी मंगलबार को तोक्यो में जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे के अंतिम संस्कार में शामिल हुए। इसके पहले जापानी प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा से मुलाकात के दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि इस दुख की घड़ी में आज हम मिल रहे हैं। उन्होंने भावुक होकर कहा कि पिछली बार जब मैं आया तब आबे से काफी लंबी बात हुई थी और कभी सोचा ही नहीं था कि जाने के बाद ऐसी खबर सुनने की नौबत आएगी। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत और जापान की दोस्ती ने एक वैश्विक प्रभाव पैदा करने में एक बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि आपके नेतृत्व में भारत-जापान संबंध और अधिक गहरे होने वाले हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हम विश्व में समस्याओं के समाधान में एक उचित भूमिका निभाने के लिए समर्थ बनेंगे।
गौरतलब है कि पीएम मोदी और आबे ने एक दशक से अधिक समय के संबंधों के दौरान बैठकों व वार्ता के माध्यम से निजी संबंध कायम किए, इसकी शुरुआत 2007 में गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में मोदी की जापान यात्रा से हुई थी। प्रधानमंत्री के रूप में शिंजो आबे ने भारत-जापान संबंधों को गहरा करने, आर्थिक संबंधों को एक व्यापक और रणनीतिक साझेदारी में बदलने और इस दोनों देशों व क्षेत्र की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण बनाने में अहम भूमिका निभाई थी। भारत-जापान संबंधों में शिंजो आबे के योगदान को मान्यता तब मिली जब भारत ने उन्हें 2021 में प्रतिष्ठित ‘पद्म विभूषण’ से सम्मानित किया। यही नहीं, भारत ने शिंजो आबे के सम्मान में नौ जुलाई को एक दिन का राष्ट्रीय शोक भी घोषित किया था।