डिफ़ेंस एक्सपो में मुझे नूतन भारत की भव्य तसवीर दिखाई देती है : पीएम मोदी

गांधीनगर स्थित महात्मा मंदिर में ‘डिफ़ेंस एक्सपो 2022’ का शुभारंभ

डिफ़ेंस एक्सपो व डिफ़ेंस क्षेत्र में उत्पादन ने गुजरात की पहचान को चार चांद लगाए हैं
गांधीनगर (ईएमएस)| प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को गांधीनगर स्थित महात्मा मंदिर में ‘डिफ़ेंस एक्सपो 2022’ का विधिवत् शुभारंभ कराया। केन्द्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत एवं मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की उपस्थिति में आयोजित भव्य शुभारंभ समारोह में भारतीय सेना के तीनों अंगों के प्रमुख, विभिन्न देशों के प्रतिनिधि और रक्षा क्षेत्र से जुड़े उत्पादक उपस्थित थे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने डिफ़ेंस एक्सपो को नूतन भारत की भव्य तसवीर बताते हुए कहा कि भारत की मिट्टी में भारतीय लोगों के पसीने से सिंचित उत्पादों, कंपनियों, वैज्ञानिकों तथा युवाओं का सामर्थ्य लौह पुरुष सरदार पटेल की इस धरती पर से समग्र दुनिया को भारत के सामर्थ्य का परिचय करा रहा है। उन्होंने डिफ़ेंस एक्सपो में भाग लेने पधारीं सभी कंपनियों का आह्वान करते हुए कहा, “सशक्त तथा विकसित भारत के हमारे सपने को साकार करें। मैं आपके साथ हूँ। आपके उज्ज्वल कल के लिए मैं अपना आज खपाने को तत्पर हूँ।” मोदी ने ‘डिफ़ेंस एक्सपो 2022’ में भाग लेने पधारे अतिथियों का गुजरात की धरती के बेटे के रूप में स्वागत करते हुए कहा कि सशक्त, समर्थ एवं आत्मनिर्भर भारत के इस महोत्सव में गुजरात की धरती पर पधारे सभी का हार्दिक स्वागत है। उन्होंने कहा कि इस आयोजन में उन्हें नूतन भारत की भव्य तसवीर दिखाई देती है, जिसका शुभारंभ अमृतकाल में हुआ है। प्रधानमंत्री ने ‘डिफ़ेंस एक्सपो 2022’ का राष्ट्र के विकास, राज्यों के सहयोग, युवाओं के शक्ति, सपने, संकल्पबद्धता, उद्यमिता एवं सामर्थ्य के अवसर के रूप में वर्णन करते हुए कहा कि डिफ़ेंस एक्सपो से विश्व को कई-कई आशाएँ हैं तथा मित्र देशों के लिए सहयोग के अनेक अवसर भी हैं। नरेन्द्र मोदी ने कहा कि भारत में पहले भी डिफ़ेंस एक्सपो आयोजित हुए हैं, परंतु गुजरात के आँगन में हुआ यह आयोजन आभूतपूर्व है। यह ऐसा प्रथम एक्सपो है, जहाँ केवल भारतीय कंपनियाँ ही भाग लहरे हैं। यहाँ मेड इन इंडिया के रक्षा उपकरण प्रदर्शित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस एक्सपो में 1300 से अधिक प्रदर्शक, 100 से अधिक स्टार्टअप्स एवं एमएसएमईस भाग ले रहे हैं। आज समग्र देश व दुनिया के अन्य देश भारत की क्षमता एवं संभावना की झलक एक साथ देख सकते हैं। ‘डिफ़ेंस एक्सपो 2022’ के दौरान 450 से अधिक एमओयू तथा एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर होंगे। उन्होंने कहा कि ‘डिफ़ेंस एक्सपो 2022’ के आयोजन के विषय में कुछ समय पहले विचार किया गया था, परंतु दुनिया में उत्पन्न हुई विपरीत स्थितियों के कारण विलंब हुआ। हालाँकि अब देश में आज नए भविष्य का सशक्त शुभारंभ हुआ है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि दुनिया के विभिन्न देश सकारात्मक विचारधारा के साथ भारत से जुड़े हैं। 53 अफ़्रीकी देश कंधे से कंधा मिला कर साथ खड़े हैं। उन्होंने कहा कि ‘डिफ़ेंस एक्सपो 2022’ के इस अवसर पर भारत-अफ़्रीका के बीच डिफ़ेंस डायलॉग भी आरंभ होने जा रहा है। भारत तथा अफ़्रीकी देशों के बीच मित्रता एवं संबंध समय के साथ अधिक सुदृढ़ बन कर विकसित हो रहे हैं। दोनों देशों के बीच संबंधों के नए आयाम विस्तृत हुए हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि गुजरात तथा अफ़्रीकी देशों के बीच तो आत्मीय संबंध रहे हैं। अफ़्रीका की आधुनिक ट्रेन की बुनियाद में कच्छ के कामगारों का योगदान है। अफ़्रीका में आज भी ‘दुकान’, ‘रोटी’ तथा ‘भाजी’ जैसे शब्द अफ़्रीकी जनजीवन के साथ जुड़े हुए हैं। ये शब्द गुजराती हैं। परम पूज्य महात्मा गांधी का जन्म स्थान गुजरात है, तो अफ़्रीका उनकी प्रथम कर्मभूमि रहा है। अफ़्रीकी देशों के साथ आत्मीयता व अपनापन भारत की विदेश नीति की नींव में है। कोरोना महामारी के दौरान भारत ने मित्र अफ़्रीकी देशों को वैक्सीन व दवाइयाँ पहुँचाने को प्राथमिकता दी थी। आज भारत एवं अफ़्रीकी देशों के बीच रक्षा क्षेत्र में सहयोग व समन्वय इन संबंधों को नई ऊँचाई देंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज ग्लोबलाइज़ेशन के कारण भारत से विश्व की अपेक्षाएँ बढ़ी हैं, तो साथ ही साथ विश्व को विश्वास भी है कि भारत हर कोशिश में क़ामयाब होगा, भारत पीछे नहीं रहेगा। यह डिफ़ेंस एक्सपो एक प्रकार से वैश्विक विश्वास का प्रतीक भी है। डिफ़ेंस एक्सपो में भाग ले रहे राष्ट्रों के प्रतिनिधियों का स्वागत करते हुए नरेन्द्र मोदी ने इस एक्सपो के भव्य आयोजन के लिए गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल तथा उनकी टीम को अभिनंदन दिया। मोदी ने कहा कि देश एवं दुनिया में विकास लेकर औद्योगिक सामर्थ्य तक गुजरात ने अपनी विशेष पहचान स्थापित की है। डिफ़ेंस एक्सपो ने डिफ़ेंस प्रोडक्शन क्षेत्र में गुजरात की पहचान को चार चांद लगाए हैं तथा गुजरात के विकास को नई ऊँचाइयाँ दी हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि गुजरात रक्षा उत्पादन क्षेत्र में महत्वपूर्ण उत्पादन केन्द्र बनेगा तथा रक्षा उत्पादन क्षेत्र में गुजरात का योगदान बढ़ेगा।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने डीसा एयरबेस का वर्चुअल लोकार्पण करते हुए कहा कि डीसावासियों तथा इस प्रदेश के लोगों में इस एयरबेस के शिलान्यास से नए उत्साह के दर्शन हुए हैं। डीसा एयरस्ट्रिप देश के रक्षा क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय सीमा से केवल 130 किलोमीटर की दूरी पर डीसा एयरबेस के निर्माण से भारतीय वायुसेना देश की पश्चमी सीमा पर किसी भी दुस्साहस का अधिक उचित ढंग से उत्तर दे सकेगी। नरेन्द्र मोदी ने गुजराती भाषा में अभिनंदन देते हुए कहा, “मैं डीसा के भाइयों-बहनों को गांधीनगर से अभिनंदन देता हूँ। इस एयरबेस से इस क्षेत्र का सितारा चमक उठा है।” उन्होंने कहा कि जब वे गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने डीसा एयरफ़ील्ड के लिए भूमि आवंटित की थी। उन्होंने डीसा एयरबेस के निर्माण के लिए अनेक प्रयास किए थे, परंतु तत्कालीन केन्द्र सरकारों ने इस निर्णय को फ़ाइलों में दबा दिया था। तत्कालीन केन्द्र सरकार ने 14 वर्षों तक इस महत्वपूर्ण विषय पर कोई निर्णय नहीं किया और ऐसे सवाल खड़े किए कि प्रधानमंत्री बनने के बाद भी उन्हें उन समस्याओं के निवारण में उनका काफ़ी समय गया। मोदी ने कहा कि आज डीसा एयरबेस से भारतीय वायुसेना की अपेक्षाएँ पूरी हो रही हैं। उन्होंने इसके लिए एयरफ़ोर्स को भी अभिनंदन देते हुए कहा कि इस एयरबेस से देश की सुरक्षा के लिए बनासकाँठा एवं पाटण महत्वपूर्ण केन्द्र बनेंगे। अब तक बनासकाँठा तथा पाटण सौर शक्ति व सोलर एनर्जी के क्षेत्र में महत्वपूर्ण केन्द्र थे। अब बनासकाँठा तथा पाटण देश के लिए वायु शक्ति के भी महत्वपूर्ण केन्द्र बन गए हैं। उन्होंने कहा कि यह आकलन करना आवश्यक है कि सशक्त राष्ट्र के लिए भविष्य में सुरक्षा के परिणामों कैसे होने चाहिए ? स्पेस टेक्नोलॉजी का विकास इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। उन्होंने कहा कि तीनों सेनाओं द्वारा स्पेस टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में विभिन्न चुनौतियों की पहचान तथा विस्तृत समीक्षा की गई है और उसके समाधन के लिए मिशन डिफ़ेंस स्पेस शुरू किया गया है। उन्होंने इस क्षेत्र में कार्यरत निजी क्षेत्रों का इस क्षेत्र में सामर्थ्य दिखाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि यह आवश्यक है कि स्पेस में भारत की शक्ति सीमित न रहे तथा भारत के इस मिशन एवं विज़न का लाभ अन्य देशों को भी मिले।
पीएम मोदी ने कहा कि स्पेस टेक्नोलॉजी की उदार विचारधारा नई परिभाषा-नई संभावना को जन्म दे रही है। भारत की स्पेस टेक्नोलॉजी का लाभ अफ़्रीका सहित अनेक देशों को मिल रहा है। दक्षिण एशिया सैटेलाइट-स्पेस साइंस के विकास से आसियान के देशों को भी रीयल टाइम एक्सेस मिल रहा है। हमारे सैटेलाइट के डेटा का उपयोग कर समुद्री व्यापार भी अधिक बेहतर बना है। स्पेस टेक्नोलॉजी को हम नई ऊँचाइयों पर ले जा रहे हैं। ‘डिफ़ेंस एक्सपो 2022’ नए संकल्पों को ऊँचाइयाँ देगा। देश की कमान आज युवाओं के हाथ में है। यह डिफ़ेंस एक्सपो भारत के युवाओं के भविष्य की कुंजी है। उन्होंने कहा कि इंटेंशन, इनोवेशन तथा इम्प्लिमेंटेशन; तीनों क्षेत्रों में भारत आगे बढ़ रहा है। अब तक समग्र विश्व में डिफ़ेंस क्षेत्र में भारत की पहचान सबसे बड़े आयातक के रूप में रही है, परंतु मेक इन इंडिया आज रक्षा क्षेत्र की सबसे बड़ी सक्सेस स्टोरी बना है। आज रक्षा क्षेत्र में भारत का निर्यात आठ गुना बढ़ा है। भारत 75 से अधिक देशों में रक्षा सामग्री एवं उपकरणों का निर्यात कर रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वर्ष 2021-22 में रक्षा क्षेत्र में निर्यात 1.59 बिलियन डॉलर यानी 13,000 करोड़ रुपए तक पहुँचा है, जिसे आगामी पाँच वर्षों में पाँच बिलियन डॉलर यानी 40,000 करोड़ रुपए तक पहुँचाने का लक्ष्य है। आज भारत की रक्षा उत्पादन कंपनियाँ ग्लोबल सप्लाई चेन का महत्वपूर्ण हिस्सा बनचुकी हैं। भारत के स्टेट ऑफ़ द आर्ट ‘तेजस’ आधुनिक फ़ाइटर प्लेन की वैश्विक मांग है। हम अमेरिका, इज़राइल एवं इटली जैसे देशों में भी रक्षा उपकरणों के पार्ट्स की सप्लाई कर रहे हैं। भारत की ‘ब्रह्मोस’ मिसाइल आज विश्व में सबसे घातक एवं सर्वाधिक आधुनिक मानी जाती है। यह मिसाइल अनेक देशों की पसंद में अग्रिम स्थान पर है। मेड इन इंडिया की टेक्नोलॉजी के प्रतीक समान ‘आईएनएस विक्रांत’ जहाज़ भारत का सर्वाधिक गौरवशाली उदाहरण है। आधुनिक इंजीनियरिंग का विशाल एवं विराट मास्टरपीस ‘आईएनएस विक्रांत’ स्वदेशी टेक्निक का मास्टरपीस है। उन्होंने कहा कि वायुसेना का ‘प्रचंड’ लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर और थलसेना की कॉम्बैट गन भारतीय उत्पादों में सिरमौर है। गुजरात के हज़ीरा में उत्पादित आधुनिक हथियार सीमा की सुरक्षा कर रहे हैं। भारत सरकार की नीति, रिफ़ॉर्म्स और ईज़ ऑफ़ डुइंग बिज़नेस इसके लिए बड़ी भूमिका निभा रहे हैं। रक्षा बजट का 68 प्रतिशत भारतीय कंपनियों को आवंटित किया जा रहा है।
पीएम मोदी ने कहा कि पहले राजनीतिक इच्छाशक्ति से भारतीय सेना के लिए निर्णय लिए जा रहे थे, जबकि आज सेना की इच्छाशक्ति से निर्णय लिए जा रहे हैं। रक्षा मंत्रालय में रिसर्च, इनोवेशन एवं स्टार्टअप के लिए 25 प्रतिशत बजट आवंटित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि उन्हें देश की युवा पीढ़ी में विश्वास है कि देश की रक्षा के लिए अधिक से अधिक सामग्री देश में ही बनेगी। भारतीय सेनाएँ सैन्य सामग्री की ख़रीदारी के लिए दो सूचियाँ तैयार करती हैं। एक सूची में भारत में ही निर्मित वस्तुओं की ख़रीदारी करनी होती है। अब अनिवार्य हो, वही उपकरण बाहर से ख़रीदे जाते हैं। उन्होंने कहा, “मुझे ये कहते हुए गर्व होता है कि और 101 वस्तुएँ भारत से ही ख़ीरदने का निर्णय किया गया है, जो आत्मनिर्भर भारत तथा देश के उत्पादों पर बढ़ते भरोसे का प्रतीक है।” उन्होंने कहा कि आज भारतीय सेनाओं में उपयुक्त लगभग 411 वस्तुएँ एवं उपकरण भारत में निर्मित हैं। प्रधानमंत्री ने भारतीय कंपनियों से रिसर्च एवं इनोवेशन में अधिक शक्ति लगाने का अनुरोध करते हुए कहा कि भारतीय सेना के इस दृष्टिकोण से उत्पादन क्षेत्र में भारत नई ऊँचाइयों को पार करेगा और देश की युवा पीढ़ी को बहुत लाभ होगा। उन्होंने कहा कि अब तक समग्र दुनिया में डिफ़ेंस क्षेत्र में उत्पादन में कुछ कंपनियों की मोनोपॉली थी। भारत ने साहस कर अपना स्थान बनाया है। भारत के युवा विकल्प बने हैं। भारत के युवाओं के सामर्थ्य ने दुनिया के नए अवसर एवं नए पर्याय प्रदान किए हैं। भारत के नवयुवाओं के प्रयासों से आने वाले दिनों में देश का रक्षा क्षेत्र तो और मज़बूत होगा ही, साथ ही साथ देश के युवा सामर्थ्य में भी अनेक गुना वृद्धि होगी। डिफ़ेंस एक्सपोर्ट में भारत के ग्लोबल गुरु होने का संकेत पहुँच रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि अनुसंधान एवं रक्षा क्षेत्र में अनेक अवसरों और सकारात्मक संभावनाओं का सृजन हुआ है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश तथा तमिलनाडु में डिफ़ेंस कॉरिडोर बन रहे हैं, जिसके कारण अनेक विदेशी कंपनियाँ भारत में निवेश के लिए आ रही हैं। सप्लाई चेन का बड़ा नेटवर्क आकार ले रहा है, जो भारत के लघु व मध्यम स्तरीय उद्योगों में नई शक्ति जोड़ेगा और नए उद्योगों को भी बड़े अवसर प्राप्त होंगे। मोदी ने डिफ़ेंस एक्सपो में भाग लेने गुजरात पधारीं सभी कंपनियों का आह्वान करते हुए कहा कि सशक्त एवं विकसित भारत के हमारे सपने को साकार करें, मैं आपके साथ हूँ। आपके उज्ज्वल कल के लिए मैं अपना आज खपाने को तत्पर हूँ। उन्होंने कहा कि भारत पहले कबूतर छोड़ता था, आज चीते छोड़ रहा है। ये घटनाएँ छोटी होती हैं, परंतु इनके संकेत बड़े होते हैं। शब्द सरल होते हैं, परंतु उनका सामर्थ्य अपरम्पार होता है। ‘डिफ़ेंस एक्सपो 2022’ शक्ति तथा सामर्थ्य के लिए समग्र विश्व में केन्द्रीय स्थान पर रहेगा। मोदी ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह तथा उनकी टीम को इस आयोजन के लिए किए गए पुरुषार्थ पर अभिनंदन दिया। प्रधानमंत्री ने सभी नागरिकों को आगामी दीपावली पर्व की और विशेष रूप से गुजरात के लोगों को नए वर्ष की शुभकामनाएँ दीं।