(१)
दाता हैं प्रभु राम जी,हैं बेहद बलवान।
कर देते हैं दुक्ख का,पल भर में अवसान।।
पल भर में अवसान,राम की न्यारी माया।
चंदन जैसी दिव्य,करें मानव की काया।।
जीवन में हो नूर,रामजी भाग्य विधाता।
सच में हैं वरदान,रामजी प्रभु हैं दाता।।
(२)
भजता है जो राम को,हो भवसागर पार।
राम नाम हर ग़म हरे,राम नाम उपहार।।
राम नाम उपहार,राम ही पार लगाते।
राम नाम जयकार,राम विपदा ले जाते।।
राम दिव्यता रूप,राम को कभी न तजना।
संकट का हो काल,बंधु रामहिं को भजना।।
(३)
राम नाम में ताप है,राम नाम में सार।
राम नाम है वंदगी,राम नाम उपहार।।
राम नाम की धूम,राम सब संकट हरते।
राम नाम है तेज,राम नित मंगल करते।।
राम नाम उच्चार,करो सब रोज़ शाम में।
राम नाम यशगान,तेज है राम नाम में।।
(४)
राम नाम का मान है,राम नाम का ज्ञान।
राम नाम की जीत है,राम नाम अरमान।।
राम नाम अरमान,राम तो हैं अति प्यारे।
राम नाम उपकार,राम तो सबसे न्यारे।।
मानो मेरी बात,पुण्य गह बिना दाम का।
बेहद है परताप ,बंधुवर राम नाम का।।
(५)
दानी हैं,सुखचैन हैं,राम सदा ही नैन।
राम सुयश हैं,ताज़गी,राम मूक को बैन।।
राम मूक को बैन,राम की ही सब महिमा।
राम लुटाते प्यार,राम की समझो गरिमा।।
सुख बरसे है रोज़,राम का कोय न सानी।
राम दया का रूप,राम हरदम ही दानी।।
(६)
उजियारा हैं राम नित,मारें नित अभिमान।
देकर मन में नेह को,रचते हैं इंसान।।
रचते हैं इंसान,राम ने जग को पाला।
बचा लिया है धर्म,पाप का मुँह है काला।।
राम जगत के नाथ,मारते हैं अँधियारा।
राम नाम में साँच,राम रचते उजियारा।।
–प्रो(डॉ)शरद नारायण खरे
प्राचार्य
शासकीय जेएमसी महिला स्नातक महाविद्यालय
मंडला,मप्र
(मो–9425484382)