नई दिल्ली । अमेरिकी रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग की रिपोर्ट का असर बेअसर होता नहीं दिख रहा है। प्रख्यात उद्योगपति गौतम अडाणी ने हिंडनबर्ग के खिलाफ कानूनी लड़ाई की तैयारी कर ली है, लेकिन इस रिपोर्ट के कारण अडाणी के शेयरों में शुरू हुआ गिरावट का दौर थम नहीं रहा है। अडाणी के शेयर लगातार नीचे जा रहे हैं।
कारोबारी हफ्ते के शुरूआत में अडाणी के शेयरों में थोड़ी तेजी देखने को मिली थी, लेकिन हफ्ते के आखिरी दौर में यह असर फिर से दिखने लगा। हिंडनबर्ग के बाद रेटिंग एजेंसियों, विदेशी निवेशकों से मिल रहे झटकों का असर है कि अडाणी के शेयरों और संपत्ति में भारी गिरावट दर्ज की गई है। शुक्रवार को हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन अडाणी के तीन शेयर 52 हफ्ते के लो पर पहुंच गए। शेयरों में गिरावट के चलते गौतम अडानी की निजी संपत्ति को भी नुकसान हुआ है।
अडाणी समूह की कंपनियों के शेयर में भारी गिरावट के चलते गौतम अडाणी की नेटवर्थ गिरकर 58 अरब डॉलर पर पहुंच गई है। जो एक दिन पहले तक 60 अरब डॉलर के पार हो गया था। अडानी को शुक्रवार को 2.4 अरब डॉलर यानी 1,97,98,78,80,000 रुपए का झटका लगा है। इस गिरावट के चलते वो फोर्ब्स के रियल टाइम बिलेनियर लिस्ट में 17वें नंबर से खिसककर फिर से 22वें नंबर पर पहुंच गए है। कभी 150 अरब डॉलर की संपत्ति के साथ दुनिया के दूसरे सबसे अमीर अरबपति कहलाने वाले गौतम अडाणी इस लिस्ट में पिछड़ते हुए 22वें नंबर पर पहुंच गए हैं।
अडाणी ग्रुप की फ्लैगशिप कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज के शेयर 4.28 फीसदी तक गिर गए हैं। हिंडनबर्ग की निगेटिव रिपोर्ट के बाद इंडेक्स प्रोवाइडर एमएससीआई ने अडाणी के चार शेयरों के फ्री फ्लोट स्टेटस में कटौती कर दी है। जिसके कारण इंडेक्स में उनका वेटेज कम हो सकता है। इस खबर के आने के बाद शेयर गिरने लगे हैं। इस रिपोर्ट के आने के बाद अडाणी समूह का मार्केट कैप 100 अरब डॉलर से अधिक गिर गया। गौतम अडाणी की संपत्ति गिरकर आधी रह गई। अगर अडानी की संपत्ति में आ रही गिरावट का तुलना खस्ताहाल पाकिस्तान के करें तो आपको जानकर हैरानी होगी कि जितना अडानी एक दिन में गंवा रहे हैं, लगभग उतना ही विदेशी मुद्रा भंडार पाकिस्तान के पास बचा है।