-कई स्थानों पर समय पर नहीं पहुंचाई जा सकी राहत, लोगों में सरकार के प्रति नाराजगी
अंकारा । तुर्किये और सीरिया में आए भीषण भूकंप से ढही इमारतों के मलबों में से बचावकर्मियों ने कुछ बच्चों को जिंदा बाहर निकाल लिया। अब तक भूकंप से मरने वालों की संख्या 24,000 करीब पहुंच गई है। भूकंप की पड़ा से जूझ रहे लगभग दस लाख लोगों की पीड़ा को और बढ़ा दिया है। उन्हें खाने-पीने के सामान तत्काल मुहैया कराने की जरूरत है। इसको लेकर स्थानीय लोगों में सरकार के प्रति भारी गुस्सा है। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक तुर्किये और सीरिया भर में होने वाले मौतों की संख्या 23,700 हो गई है। इस इलाके में सबसे घातक भूकंपों में एक में होने वाली मौतों की संख्या अब भी लगातार बढ़ती जा रही है। तुर्किये में विनाशकारी 7।8-तीव्रता के भूकंप के बाद मलबों से बचाव कर्मचारियों ने कई लोगों को शुक्रवार को भी बाहर निकाला है। बहरहाल इस पूरे इलाके में तापमान जमाव बिंदु से नीचे है और बहुत से लोगों के पास रहने के लिए फिलहाल कोई आश्रय या गर्म जगह नहीं है। तुर्किये सरकार ने लाखों लोगों को गर्म भोजन के साथ ही तंबू और कंबल बांटे हैं, लेकिन अभी भी बड़ी संख्या में जरूरतमंद लोगों तक राहत सामग्री पहुंचाने के लिए सरकार को संघर्ष करना पड़ रहा है।
तुर्किये के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोवन ने कहा कि तुर्की के अधिकारियों की देश के दक्षिण में भूकंप के लिए बचाव और राहत की प्रतिक्रिया उतनी तेजी से नहीं बढ़ रही है, जितनी सरकार चाहती है। सीरिया में भी संयुक्त राष्ट्र पर देश के विद्रोहियों के कब्जे वाले इलाके में उचित मानवीय सहायता देने में विफल रहने का आरोप लगाया गया है। विनाशकारी भूकंप के बाद तुर्किये की सीमा के जरिये विद्रोहियों के कब्जे वाले उत्तर-पश्चिम सीरिया को संयुक्त राष्ट्र (यूएन) की सहायता पहुंचाने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की मंजूरी जरूरी है। बहरहाल संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) ने कहा है कि वह अगले हफ्ते इससे जुड़े मुद्दे पर चर्चा करेगा। जबकि सीरिया की सरकार ने देश में 12 साल से चल रहे गृह युद्ध के अग्रिम पंक्ति के मोर्चों में मानवीय सहायता भेजने को मंजूरी दे दी है। सीरिया के सरकारी मीडिया ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र, सीरियाई रेड क्रीसेंट और अंतर्राष्ट्रीय रेड क्रास की मदद से उन लोगों को सहायता मिलेगी, जिन्हें इसकी जरूरत है।